एलजेपी (LJP) के चुनाव चिन्ह को EC ने किया फ्रीज, चिराग पासवान और पशुपति पारस गुट में चल रहा है विवाद

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नई दिल्ली / चुनाव आयोग ने शनिवार को चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस धड़ों द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नाम या उसके चुनाव चिह्न’बंगले’का इस्तेमाल करने पर तब तक रोक लगा दी जब तक कि आयोग प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता।

आयोग ने यह भी कहा कि दोनों धड़े आगामी दिनों में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए उपलब्ध चिह्नों का उपयोग कर सकते हैं।

आदेश में कहा गया है, ‘दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा, जो वे अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ संबंध भी शामिल कर सकते हैं।’

चुनाव आयोग का यह फैसला काफी अहम है। यह ऐसे समय लिया गया है जब बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। दोनों सीटों पर 30 अक्‍टूबर को वोटिंग होनी है। इनमें मुंगेर की तारापुर और दरभंगा की कुशेश्‍वरस्‍थान शामिल हैं।

लोक जन शक्ति पार्टी के संस्‍थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद से ही पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। पारस चिराग के चाचा और राम विलास पासवान के भाई हैं। दोनों पार्टी पर अपनी-अपनी दावेदारी पेश करते रहे हैं। राम विलास पासवान के गुजरते ही पार्टी में दो गुट बन गए थे। दोनों गुट अपने को असली एलजेपी होने का दावा करते रहे हैं।

 

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