रिपोर्ट: एशियन टाइम्स हेल्थ डेस्क
@Dr priyanka
स्थान: नई दिल्ली
तिथि: 24 जून 2025
नई दिल्ली – अगर कोई महिला मीनोपॉज़ के दौरान बार-बार यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का सामना कर रही है, और छह महीने में दो बार या एक साल में तीन बार से ज्यादा संक्रमण हो रहा है, तो उसे इसे नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। यह एक गंभीर संकेत हो सकता है और ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
क्या कहती है रिसर्च?
कनाडा के मीनोपॉज़ फाउंडेशन के एक सर्वे के मुताबिक, वहां की 82% महिलाओं को यह तक पता नहीं होता कि मीनोपॉज़ और यूटीआई के बीच कोई संबंध हो सकता है। इसका मतलब है कि जागरूकता की भारी कमी है।
वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, हर साल पूरी दुनिया में लगभग 15 करोड़ यूटीआई के मामले सामने आते हैं। इनमें से लगभग 80% केस महिलाओं से जुड़े होते हैं। चिंता की बात यह है कि यूटीआई के कारण हर साल 2.35 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है।
मीनोपॉज़ के बाद यूटीआई ज्यादा क्यों होता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, मीनोपॉज़ के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है। यही हार्मोन यूरिनरी ट्रैक्ट की म्यूकोसा को मजबूत बनाए रखता है। हार्मोन की कमी के कारण म्यूकोसा कमजोर हो जाती है और बैक्टीरिया का संक्रमण अधिक आसानी से फैलता है। यूटीआई के मुख्य लक्षण:
- पेशाब के दौरान जलन या दर्द बार-बार पेशाब आने की इच्छा पेशाब का रंग गाढ़ा या बदबूदार होना पेट के निचले हिस्से में दर्द थकान या हल्का बुखार
इससे कैसे बचा जा सकता है?
- मीनोपॉज़ के बाद भी हाइड्रेशन का पूरा ध्यान रखें जननांगों की सफाई पर विशेष ध्यान दें कॉटन अंडरवियर का प्रयोग करें डॉक्टर की सलाह पर लोकल एस्ट्रोजन थेरेपी अपनाएं प्रोबायोटिक्स या क्रैनबेरी सप्लीमेंट्स का सेवन करें (डॉक्टर की सलाह पर)
जानें क्यों जरूरी है फिजिकल हेल्थ पर ध्यान?
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं को अपनी फिजिकल हेल्थ को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए, खासकर मीनोपॉज़ के समय। यदि किसी महिला को बार-बार यूटीआई हो रहा है, तो यह सिर्फ एक सामान्य संक्रमण नहीं, बल्कि बड़े स्वास्थ्य खतरे की ओर इशारा हो सकता है।
40 साल के बाद बढ़ सकती है यूटीआई की फ्रिक्वेंसी
विशेषज्ञों के अनुसार, 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में यूटीआई के मामले अधिक देखे जा रहे हैं, जो मीनोपॉज़ और हार्मोनल बदलाव का सीधा असर हो सकता है।
यदि आप या आपकी कोई जानने वाली महिला इन लक्षणों से जूझ रही हैं, तो इसे नज़रअंदाज़ ना करें। समय पर जाँच और इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
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Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)