बिहार कैबिनेट बैठक 2025 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया। गुरु-शिष्य परंपरा योजना से लोक कला को नया जीवन मिलेगा, दिव्यांग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना से दिव्यांग अभ्यर्थियों को आर्थिक मदद मिलेगी और पत्रकारों की पेंशन 15,000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में कला-संस्कृति के संरक्षण, दिव्यांग अभ्यर्थियों को सशक्त बनाने और पत्रकारों के सम्मान को ध्यान में रखते हुए तीन महत्वपूर्ण योजनाएँ मंजूर की गईं।
गुरु-शिष्य परंपरा योजना को मंजूरी
विलुप्त हो रही लोक कलाओं को बचाने के लिए गुरु-शिष्य परंपरा योजना लागू की गई है।
गुरु को 15,000 रुपये मासिक मानदेय
संगीतकार को 7,500 रुपये
शिष्य को 3,000 रुपये दिए जाएंगे।
इसके तहत लोक गाथा, नाट्य, नृत्य, वाद्य यंत्र, शास्त्रीय कला और चित्रकला जैसी विधाओं को परंपरागत तरीके से संरक्षित किया जाएगा।
दिव्यांगजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
बिहार सरकार ने दिव्यांग सिविल सेवा योजना शुरू की है।
लाभ दिव्यांग अभ्यर्थियों को मिलेगा चाहे वे पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग या EWS से हों।
शर्त यह है कि उन्हें किसी अन्य सरकारी योजना से आर्थिक मदद न मिल रही हो।
UPSC या BPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर:
मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ₹50,000
इंटरव्यू की तैयारी के लिए ₹1,00,000 सहायता राशि मिलेगी।
पत्रकारों की पेंशन बढ़कर ₹15,000 प्रतिमाह
बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना में बड़ा बदलाव किया गया है।
अब पत्रकारों को पहले की 6,000 की जगह 15,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
दिवंगत पत्रकारों के आश्रित पति/पत्नी को जीवनभर 10,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी (पहले केवल 3,000 रुपये मिलते थे)।
सरकार का उद्देश्य
इन योजनाओं से बिहार में लोक संस्कृति का संरक्षण, दिव्यांगों को अवसर और पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इसे तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है।
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Author: BiharlocalDesk
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