बिहार की राजधानी पटना में अपराध बेलगाम: दानापुर से फुलवारी तक मौत का तांडव, अब कौन सुरक्षित है?
रिपोर्ट: तनवीर आलम शेख | Asian Times
स्थान: पटना, बिहार |
पटना। राजधानी पटना और इसके आसपास के क्षेत्र—दानापुर, फुलवारी शरीफ, खगौल, महेज—इन दिनों अपराध की आग में जल रहे हैं। बुधवार शाम करीब 6 बजे खगौल थाना क्षेत्र के मुस्तफापुर में एक युवक की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई, जो अपने दोस्तों के साथ पैसे लेकर वाटर पार्क से लौट रहा था।
वहीं, फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र में 65 वर्षीय ज़मीन मालिक की प्लान के तहत की गई हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। CCTV फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि यह हत्या पूरी साजिश के तहत अंजाम दी गई। अब सवाल उठ रहा है – क्या पुलिस इस प्लानर हत्या के पीछे के चेहरों को बेनकाब कर पाएगी? या यह भी फाइलों में दबी किसी अनसुलझी गुत्थी बनकर रह जाएगी?
2024 और 2025 की अपराध ग्राफ: बढ़ती हत्याएं और कमजोर होती कानून व्यवस्था
बिहार पुलिस के आँकड़े और मीडिया रिपोर्ट्स बताते हैं कि:
2024 में पटना जिले में हत्या के कुल मामले: लगभग 431 2025 के पहले 5 महीनों में हत्या के मामले: 235+
दानापुर, फुलवारी, खगौल में गैंगवार, हथियारों की सप्लाई, ड्रग्स का बोलबाला
फुलवारी और दानापुर: बनते अपराध के नए गढ़
हथियारों की खुलेआम सप्लाई
कार्बाइन, विदेशी बरेटा जैसे अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध
सप्लाई चेन उत्तर प्रदेश और झारखंड से
कथित राजनैतिक संरक्षण प्राप्त गिरोह सक्रिय
फुलवारी हत्याकांड: क्या पुलिस अपराधियों को पकड़ पाएगी?
65 वर्षीय ज़मीन मालिक की हत्या से साफ़ है कि यह किसी पुरानी ज़मीन या पारिवारिक विवाद से जुड़ा हुआ मामला है, जिसमें लोकल स्तर पर गहरी साजिश की बू आ रही है। CCTV फुटेज से यह भी संकेत मिलते हैं कि हत्या को अंजाम देने वाले हमलावर पहले से रेकी कर चुके थे।
अब देखना यह है कि फुलवारी थाना और बिहार DGP साहब कितनी गंभीरता से कार्रवाई करते हैं।
माफिया राज का ख़ौफ, प्रशासन की चुप्पी
छात्रों को खुलेआम नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं
अपराधी पुलिस की नाक के नीचे बेखौफ घूम रहे हैं
पेट्रोलिंग न के बराबर
जनता का सवाल: नीतीश राज में कहां है सुरक्षा?
क्या अब परिवार के साथ बाहर जाना भी खतरा है?
क्या जनता सिर्फ वोट देने के लिए रह गई है?
क्या बिहार फिर से 90 के दशक की ओर लौट रहा है?
जनता की मांग: अपराधियों पर सख्त एक्शन
- साजिशकर्ताओं की तुरंत गिरफ्तारी
- बिहार की राजधानी पटना में अपराध बेलगाम: दानापुर से फुलवारी तक मौत का तांडव, अब कौन सुरक्षित है?
- ड्रग्स के धंधे पर त्वरित कार्रवाई
- रात के समय पुलिस गश्ती अनिवार्य
- थानों की जवाबदेही तय हो
क्या योगी मॉडल चाहिए बिहार को?
बिहार की जनता अब कह रही है कि अगर अपराध को नहीं रोका गया तो यूपी मॉडल अपनाना चाहिए, जिसमें सख्त कानून, एनकाउंटर नीति और स्पीडी ट्रायल जैसे कदम अपराध पर ब्रेक लगाने में कारगर साबित हुए हैं।
बिहार के नागरिक सुरक्षा, न्याय और जवाबदेही चाहते हैं। अगर प्रशासन और सरकार समय पर नहीं चेती तो जनता का भरोसा उठना तय है।
Asian Times इस मुद्दे पर लगातार रिपोर्ट करता रहेगा।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)