रिपोर्ट: एशियन टाइम्स ब्यूरो
स्थान: अकरथापा, थाना भरगामा, जिला: अररिया
पूरा मामला:
शनिवार को पूर्णिया ज़िले के अकरथापा वार्ड-7 में 5 एकड़ 44 डिसमिल जमीन के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। कोर्ट से जमीन का फैसला महमूद आलम के पक्ष में आने के बाद जब उनका परिवार जमीन पर गया, तभी विरोधी पक्ष के करीब 30 लोग—including मो. साबिर, मो. मैमूदीन, मो. जैनुद्दीन और मो. आज़म—मौके पर पहुंचे और हमला कर दिया।
हमले के दौरान:
दोनों ओर से लाठियाँ, गोलियाँ और तीर चले। कुल 6 लोग घायल हो गए। तीरबाज़ी में एक इंटर के छात्र की जान चली गई। उसे किडनी के पास तीर लगा था।
तीन साल पुराना विवाद:
यह विवाद स्व. महमूद आलम की ज़मीन को लेकर था। महमूद की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। उनके बेटे मो. अली, मो. हनीफ और चार बेटियाँ हैं। मामला कोर्ट में तीन साल तक चला और हाल ही में फैसला उनके पक्ष में आया था।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल:
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय पर पहुंचती और सतर्क रहती, तो ऐसी घटना रोकी जा सकती थी। बिहार में जमीन विवादों में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रशासन को चाहिए कि जमीन से जुड़े मामलों को प्राथमिकता देकर कोर्ट में भेजे और स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखें।
Author: Noida Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)







