रिपोर्ट: एशियन टाइम्स ब्यूरो
स्थान: पटना
पटना में मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी कर रहे एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान आर्यन राज उर्फ किट्टू (17 वर्ष) के रूप में हुई है, जो बिहार के गया जिले का निवासी था।
आर्यन पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के दक्षिणी शिवपुरी स्थित जय विला अपार्टमेंट के कमरा नंबर 303 में किराए पर रहकर कोचिंग कर रहा था। रविवार की रात जब उसके साथ रहने वाला छोटा भाई कोचिंग से लौटा, तो उसने आर्यन को फंदे से लटका पाया।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें आर्यन ने अपने माता-पिता के नाम एक भावुक संदेश लिखा।
सुसाइड नोट में आर्यन ने लिखा:
“दीदी और छोटे भाई पर किसी तरह का प्रेशर मत बनाइएगा। उन्हें जो मन है वो करने दीजिएगा।”
बताया जा रहा है कि आर्यन मानसिक रूप से काफी दबाव में था। वह महज 16 दिन पहले ही NEET की तैयारी के लिए गया से पटना आया था। शुरुआती जांच में यही सामने आया है कि पढ़ाई का दबाव और मानसिक तनाव आर्यन की आत्महत्या का कारण बन सकते हैं।
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और परिवार को सूचित कर दिया गया है।
इस घटना ने एक बार फिर से प्रतियोगी परीक्षाओं के दबाव और युवाओं की मानसिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भारत में विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या की घटनाएँ चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं, खासकर NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की वजह से। यहाँ स्थिति का विश्लेषण है:
विद्यार्थी आत्महत्या – राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े
2022 में देश में कुल 13,044 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की, जो 2021 की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन पिछले दशक (2013–2022) में यह संख्या 64% बढ़ गई है 2021 में रिकॉर्डेड छात्र आत्महत्या की संख्या 13,089 थी — जिनमें से मीटर 56.5 % पुरुष और 43.5 % महिला ।आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर दिन करीब 28 विद्यार्थी आत्महत्या कर लेते हैं ।
मेडिकल/NEET उम्मीदवारों की स्थिति
बीते पाँच वर्षों में 119 मेडिकल छात्रों की आत्महत्या हुई है अनुसंधान बताता है कि 2018–20 में NEET/प्रतियोगी परीक्षाओं के तनाव से जुड़े 32 मामले प्रकाश में आए, जिनमें 65% छात्राएं थीं ।
कोटा – छात्र आत्महत्या का ‘हॉटस्पॉट’
2023 में कोटा में प्रतियोगी कोचिंग से जुड़े 26 आत्महत्या के मामले थे, जो 2024 में घटकर 17 हुए, और 2025 के पहले पाँच महीनों में अब तक 14 मामले दर्ज हुए ।इसी वर्ष मई तक, NEET की तैयारी कर रहे छात्रों में 6 आत्महत्या के मामले सामने आए
तनाव का मुख्य कारण
शिक्षात्मक दबाव, परिवार और समाज की उच्च उम्मीदों, कोचिंग का माहौल, अभावग्रस्त संज्ञानात्मक समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य को गलत समझे जाने जैसे कारक प्रमुख हैं ।
भारत में प्रत्येक दिन दर्जनों विद्यार्थी (लगभग 28) आत्महत्या कर लेते हैं।
NEET जैसी परीक्षा तैयारियों के दौरान तनाव संबंधी मौतें एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं।
कोटा जैसे कोचिंग हब्स में यह बढ़कर वर्ष 2025 में 14 से अधिक मामला दर्ज कर चुके हैं।
एशियन टाइम्स की ओर से आर्यन को श्रद्धांजलि। ईश्वर परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)