पटना। दानियावां प्रखंड के सुरागपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में दो महीने पहले हुए हादसे ने बच्चों और शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। करीब दो महीने पहले स्कूल परिसर में खड़ा एक विशाल पेड़ अचानक भवन पर गिर पड़ा, जिससे कक्षा की छत टूट गई और पूरा परिसर मलबे से भर गया।
हादसे के समय कक्षा में थे बच्चे
ग्रामीन सतेंद्र कुमार ने बताया कि घटना के समय बच्चे कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे थे। अचानक पेड़ गिरने से भगदड़ की स्थिति बन गई, लेकिन समय रहते सभी बच्चे सुरक्षित बाहर निकल आए। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के बावजूद वन विभाग ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
मलबा बना खतरा, जहरीले जीवों का डर
आज भी स्कूल परिसर में पेड़ का तना और शाखाएं बिखरी पड़ी हैं। मलबे के बीच झाड़ियां उग आई हैं, जिससे सांप और बिच्छू जैसे जहरीले जीवों का खतरा और बढ़ गया है। बच्चों और शिक्षकों का कहना है कि वे रोज डर के माहौल में स्कूल आने को मजबूर हैं।
प्रशासन का उदासीन रवैया
प्रधानाध्यापिका सुलभा सुप्रिया ने बताया कि घटना की जानकारी वन विभाग और फतुहा के बीडीओ दोनों को दी गई थी। वन विभाग ने आंशिक छंटाई तो करवाई, लेकिन पेड़ का मलबा हटाने का काम अब तक अधूरा है। उनका तर्क है कि पानी भरे होने के कारण जेसीबी मशीन अंदर नहीं लाई जा सकती।
वहीं, फतुहा के बीडीओ सुजीत कुमार ने मामले से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। “जैसे ही प्रधानाध्यापक से लिखित आवेदन मिलेगा, कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा।
59 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
विद्यालय में कुल 59 छात्र-छात्राएं और पाँच शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। पेड़ गिरने और मलबा हटाने में देरी के कारण पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप कर मलबा हटाने और स्कूल को सुरक्षित बनाने की मांग की है।
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Author: BiharlocalDesk
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