पटना बोरिंग रोड गोलीकांड: एक लड़की के लिए छात्र ने चला दी गोली, पिस्टल कहां से आई? आज के युवाओं को किस दिशा में ले जा रहा है ‘इंप्रेस’ करने का पागलपन?
पटना का बोरिंग रोड इलाका, जो आमतौर पर अपने कैफे, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और छात्रों की भीड़ के लिए जाना जाता है, 24 मई 2025 की रात को अचानक गोलियों की गूंज से दहल उठा। एक तेज रफ्तार SUV और एक कार के बीच मामूली टक्कर ने महज चंद मिनटों में हिंसा का रूप ले लिया, और फिर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो इस घटना को पूरे राज्य का मुद्दा बना गया।
घटना का पूरा SUV की टक्कर, लड़की की मौजूदगी और फायरिंग का वीडियो
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रात लगभग 10:45 बजे एक SUV (जिसमें 3 युवक सवार थे) ने एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मार दी। कहा जा रहा है कि इस गाड़ी में एक लड़की बैठी थी, जिसे लेकर SUV सवार युवक पहले से परिचित थे। बहस और गाली-गलौज के बाद अचानक एक युवक ने पिस्टल निकाली और 2 राउंड फायरिंग की।
आरोपियों की पहचान और गिरफ़्तारी की कहानी (पुलिस के बयान सहित)
पटना SSP अनुसार, घटना के तुरंत बाद पुलिस ने CCTV फुटेज और मोबाइल वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की। अब तक 5 आरोपियों की पहचान हो चुकी है:
- पियूष वर्मा उर्फ शिबू – खुद कोर्ट में सरेंडर
- रोहित उर्फ अल्टर – कोर्ट में सरेंडर
- आशीष कुमार – कदमकुआं से गिरफ़्तार
- निशांत उर्फ समीर – पीरबहोर से गिरफ़्तार
- शानू कुमार – फरार, तलाश जारी
SSP अवकाश कुमार
का बयान: “कानून से ऊपर कोई नहीं है। गोली चलाने वाला चाहे छात्र हो या किसी राजनेता का रिश्तेदार, सख्त कार्रवाई होगी। सभी आरोपियों के मोबाइल, सोशल मीडिया और हथियार स्रोत की जांच जारी है।”
वह लड़की कौन थी? (नाम गोपनीय रखते हुए )
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फायरिंग की जड़ में एक कॉलेज की छात्रा है, जो पीड़ित पक्ष की ओर से मौजूद थी। उसके और SUV सवार युवकों में पहले से कुछ व्यक्तिगत विवाद था। यह लड़की पहले भी उनमें से एक युवक के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चुकी थी।
छात्र को पिस्टल कहाँ से मिली? पुलिस और क्राइम ब्रांच की जांच रिपोर्ट
जांच में सामने आया है कि जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया गया वह एक देसी कट्टा था, जिसे आरोपी ने मुजफ्फरपुर के एक सप्लायर से खरीदा था। पुलिस ने इस नेटवर्क पर कार्रवाई शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह छात्र किसी स्थानीय गैंग से जुड़ा तो नहीं।
पुलिस अधिकारियों के बयान (SSP और ADG स्तर के)
ADG पंकज दराद जो घटना के वक्त पास ही मौजूद थे, उन्होंने खुद हस्तक्षेप किया और बॉडीगार्ड्स को त्वरित एक्शन का आदेश दिया।
ADG का बयान: “अगर हम मौके पर न होते तो स्थिति और बिगड़ सकती थी। युवाओं को चेतावनी है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
परिवार की प्रतिक्रिया – बेटा पढ़ाई कर रहा था या कुछ और?
आरोपियों के परिवार वालों ने कहा कि उनका बेटा पढ़ाई कर रहा था और किसी लड़की के कारण उसका ध्यान भटका। एक आरोपी की मां ने कहा, “हमें नहीं पता था कि वह हथियार ले जाएगा। उसने ऐसा कभी पहले नहीं किया था।”
समाज और सोशल मीडिया की भूमिका – ‘हीरो’ बनने का जुनून
आज के युवाओं पर सोशल मीडिया का इतना असर है कि वे लाइक्स और फॉलोअर्स के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक टिकटॉक और इंस्टाग्राम पर वायरल वीडियो बनाने के शौकीन थे। यह घटना भी उसी ‘शो ऑफ’ का हिस्सा बन सकती है।
बदलते युवाओं की सोच – ‘प्यार’ अब ‘पावर’ की होड़ क्यों बन रही है?
कई मामलों में देखा गया है कि युवाओं में भावनात्मक अस्थिरता उन्हें ग़लत दिशा में धकेल रही है। प्यार के नाम पर बदला, दिखावा और पावर का प्रदर्शन आम होता जा रहा है।
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि किशोरों में फिल्मी पात्रों की नकल, सोशल मीडिया की नकारात्मक प्रेरणा, और पैरेंट्स की उपेक्षा ऐसे मामलों को जन्म देती है।
फायरिंग के आरोपी पर आर्म्स एक्ट, सार्वजनिक शांति भंग, और जानलेवा हमला जैसे धाराएं लगी हैं। यदि कोई आरोपी नाबालिग साबित हुआ, तो जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में मामला जाएगा, लेकिन अगर अपराध गंभीर हो तो वयस्क की तरह सजा भी मिल सकती है।
ये सिर्फ एक गोलीकांड था, या एक समाजिक चेतावनी?
यह घटना सिर्फ कानून व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है। युवाओं को दिशा देने की ज़िम्मेदारी सिर्फ पुलिस की नहीं, बल्कि परिवार, स्कूल और पूरे समाज की है। यदि समय रहते चेताया न गया, तो अगला ‘गैंगस्टर’ हमारे ही घर से निकल सकता है।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)