बिहार की जमीन और भूमाफिया का खेल
एआईएमआईएम नेता फरू͏क रज़ा (उर्फ डब्लू) को गिरफ्तार किया गया
नोहसा स्थित एक अपार्टमेंट अफ़ताब मलिक को जेल भेजा गया है। भेजा गया है।
पटना पुलिस ने 19 नवंबर 2025 को फरूुक रज़ा उर्फ डब्लू को नोहसा मोड़ से गिरफ़्तार किया है।
बिहार में जमीन से जुड़ा अपराध वर्षों से जारी है। पटना के फुलवारीशरीफ क्षेत्र में अनबार आलम की हत्या इस प्रणालीगत समस्या को उजागर करती है। यह हत्या सिर्फ व्यक्तिगत हमला नहीं, बल्कि एक संरचित नेटवर्क का हिस्सा है जिसमें भूमाफिया, दलाल और पुलिस–थाना गठजोड़ शामिल हैं।
फुलवारीशरीफ में दिनदहाड़े हत्या
सोमवार को इमारते शरिया के पास अपराधियों ने अनबार आलम को पांच गोलियां मारकर हत्या कर दी। सीसीटीवी फुटेज में अपराधी बुलेट पर सवार होकर आते और गोली मारकर फरार होते दिखे। गंभीर रूप से घायल अनबार को एम्स ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
परिवार और परिजनों के बयान
मृतक के भतीजे इंतेखार आलम का कहना है कि यह हमला जमीन विवाद की वजह से हुआ। परिवार ने AIMIM नेता फारुख रज़ा उर्फ डब्लू पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारियां
फुलवारीशरीफ पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। आरोपियों में 7 गिरफ्तार और 15 नामजद शामिल हैं।
अनबार आलम की हत्या का मुख्य कारण जमीन विवाद था। परिवार का कहना है कि पहले भी धमकी और हमला हो चुका था। इस क्षेत्र में भूमाफिया का नेटवर्क पहले से मजबूत था, और वे राजनीतिक संरक्षण का लाभ उठाकर असली मालिक को डराते हैं।
कोर्ट में लंबित मामले और भूमाफिया–थाना गठजोड़
पटना और फुलवारीशरीफ में कई मामले कोर्ट में लंबित हैं, फिर भी भूमाफिया खुलेआम जमीन बेचते हैं।सत्य साबित होने के बावजूद जमीन बेची जाती है झूठे मुकदमे और FIR के जरिये असली मालिक को डराया जाता है पुलिस कई बार माफिया के इशारे पर काम करती है पुराने फर्जी कागज अब हत्या और धमकी का माध्यम बन गए हैं सिस्टम की विफलता
कई बार पुलिस ने केवल कागजी कार्रवाई की, सुरक्षा नहीं दी। जमीन विवाद को हल्के में लिया गया। यही कारण है कि बिहार में जमीन से जुड़े अपराध और हत्याएं रुक नहीं रही हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार बिहार में हर साल लगभग 1200 हत्याओं में से 60% जमीन विवाद से जुड़ी होती हैं। राजनीतिक संरक्षण और पुलिस–थाना गठजोड़ अपराधियों को ताकत देता है।
अनबार आलम के परिवार ने सुरक्षा की मांग की है और सरकार से अपील की है कि भूमाफिया को रोका जाए।
अनबार आलम की हत्या केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं, बल्कि बिहार के सिस्टम की विफलता, भूमाफिया का नेटवर्क, और राजनीतिक–पुलिस गठजोड़ की परिणति है। सवाल वही है:
“क्या बिहार में एक आम आदमी अपनी खानदानी जमीन बचा भी सकता है, या उसे अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी?”
@tanvir alam sheikh
Author: Noida Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)












