पटना। बिहार की राजनीति में ज़मीन और पर्यावरण से जुड़े एक बड़े फैसले को लेकर घमासान मच गया है। कांग्रेस पार्टी ने आज पटना के सदाकत आश्रम से सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध मार्च निकाला। इस मार्च में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान और विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता डॉ. मदन मोहन झा समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने भागलपुर में अदानी ग्रुप को मात्र ₹1 सालाना किराए पर 1.050 एकड़ जमीन दे दी है। इतना ही नहीं, सरकार ने अदानी ग्रुप को 10 लाख पेड़ भी सौंप दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह सौदा प्रदेश की जनता और पर्यावरण दोनों के साथ धोखा है।
नेताओं ने सवाल उठाया कि “दुनिया में कहां इतनी सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध होती है?” उन्होंने सरकार से यह समझाने की मांग की कि आखिरकार इतनी बड़ी मात्रा में जमीन और पेड़ एक कॉर्पोरेट घराने को क्यों सौंपे गए।
इस विरोध मार्च में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीति को किसान विरोधी और कॉर्पोरेट परस्त बताते हुए नारेबाजी की। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
कांग्रेस की मुख्य मांगें
1. अदानी ग्रुप को ₹1 सालाना दर पर जमीन देने के फैसले की समीक्षा की जाए।
2. 10 लाख पेड़ों के हस्तांतरण पर रोक लगाई जाए।
3. प्रदेश की भूमि और पर्यावरण से जुड़े फैसलों में पारदर्शिता लाई जाए।
कांग्रेस का यह विरोध मार्च राजधानी पटना में दिनभर चर्चा का विषय बना रहा।
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Author: BiharlocalDesk
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