अनवर आलम फुलवारी हत्याकांड: 5 लोग गिरफ्तार, ज़बरदस्ती रजिस्ट्री कराने वालों पर भी कसेगा शिकंजा

पटना (फुलवारी शरीफ

Asian Times ब्यूरो @ तनवीर आलम शेख

अनवर आलम हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह वही लोग बताए जा रहे हैं जिन्होंने अनवर आलम की ज़मीन पर जबरन कब्ज़ा कर रजिस्ट्री करवा रखी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब इन भूमाफियाओं पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।

सूत्रों का कहना है कि घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने हत्यारों को धर दबोचा, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर पुलिस पहले से सक्रिय होती, तो यह हत्या रोकी जा सकती थी। अनवर आलम को लगातार धमकियां मिल रही थीं, जिसकी जानकारी उन्होंने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को दी थी।

परिवार और स्थानीय लोगों का आरोप:

परिजनों और मोहल्ले के लोगों का कहना है कि ज़मीन विवाद पहले से ही गरमाया हुआ था और समय रहते प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। यही लापरवाही अनवर आलम की निर्मम हत्या की बड़ी वजह बनी।

पुलिस अब जांच को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है और ज़बरदस्ती रजिस्ट्री कराने वालों की सूची तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि इन लोगों पर ज़मीन हड़पने, धोखाधड़ी और साजिशन हत्या में संलिप्तता की धाराओं में केस दर्ज किए जा सकते हैं।

स्थानीय लोगो

हत्या के बाद फुलवारी शरीफ इलाके में तनाव बना हुआ है। लोग गुस्से में यह सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस 24 घंटे के भीतर हत्यारों को गिरफ्तार कर सकती है, तो पहले से सूचना होने के बावजूद हत्या को रोका क्यों नहीं गया?

सवाल जो अब भी बाकी हैं:

  • क्या अनवर आलम की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने लापरवाही बरती?
  • ज़मीन विवाद में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी कब होगी?
  • क्या प्रशासन की निष्क्रियता के कारण अनवर आलम की जान गई?

साजिश और रसूख की परतें:

सूत्रों के मुताबिक, इस केस में कुछ ऐसे प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए हैं, जो अब अपनी राजनीतिक पकड़ और धनबल का इस्तेमाल कर केस से अपना नाम हटवाने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जाता है कि ये वही लोग हैं जिन्होंने अनवर आलम की ज़मीन पर कब्ज़ा किया था।

बिहार पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया है कि चाहे आरोपी कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, कानून से कोई नहीं बचेगा। पुलिस का कहना है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अनवर आलम की हत्या ने न केवल कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि यदि समय रहते प्रशासन जागरूक न हो, तो स्थिति कितनी भयावह हो सकती है। ज़मीन विवादों में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है। जरूरत है कि इस केस की निष्पक्ष और गहन जांच हो ताकि पीड़ित परिवार को न्याय और समाज को एक साफ संदेश मिले – कि कानून से बड़ा कोई नहीं।

 

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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