अब विदेश में भी बजेगा आईआईटी का डंका, आईआईटी दिल्ली के लिए यूएई, मलेशिया पसंदीदॉ

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नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पूरे विश्व में अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है। लेकिन बहुत जल्द अब आईआईटी का ग्लोबल विस्तार होगा। आईआईटी को दुनिया तक पहुंचाने के लिए केंद्र द्वारा बनाई गई समिति ने विदेश में स्थित भारतीय दूतावासो से परामर्श के बाद 7 राष्ट्रों को चिन्हित किया है जहां आईआईटी के ग्लोबल कैंपस खोले जाएंगे। भारतीय एक्सप्रेस की समाचार के अनुसार ये सात राष्ट्र हैं-ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, सऊदी अरब, कतर, मलेशिया और थाइलैंड।

ये राष्ट्र कई मापदंडों पर खरे
समिति ने इन सात राष्ट्रों में आईआईटी के भारतीय इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के ब्रांड नाम से खोलने का सुझाव दिया है। आईआईटी काउंसिल स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन की नेतृत्व वाली 17 सदस्यीय कमिटी ने शिक्षा मंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में बोला है कि ये सातों राष्ट्रों कई प्रमुख मापदंडों में उच्च जगह रखते हैं। इन मापदंडों में रुचि और प्रतिबद्धता का स्तर, शैक्षणिक पीढ़ी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों और विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल तंत्र, नियामक प्रावधान और हिंदुस्तान के ब्रांडिंग और रिश्तों को बढ़ाने के लिए संभावित फायदा शामिल हैं।

ब्रिटेन की 6 यूनिवर्सिटी से मिले ठोस प्रस्ताव
कमिटी ने यह रिपोर्ट 26 राष्ट्रों में स्थित भारती मिशनों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार किया है। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने 2 फरवरी और 28 मार्च को इन मिशनों के ऑफिसरों के साथ वर्चुअल बैठकों की प्रबंध की थी। इसमें इकॉनोमिक डिप्लोमेसी सेक्शन के ऑफिसरों ने भी भाग लिया था। ब्रिटेन में भारतीय हाई कमीशन से प्राप्त इनपुट में बोला गया है कि आईआईटी ग्लोबल कैंपस में योगदान के लिए ब्रिटेन से 6 ठोस प्रस्ताव मिले हैं। ये प्रस्ताव यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम, किंग्स कॉलेज लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन की तरफ से आए हैं।

आईआईटी दिल्ली के लिए यूएई, मलेशिया पसंदीदॉ
ब्रिटेन स्थित हाई कमीशन की रिपोर्ट में बोला गया है कि मिशन ने आईआईटी कमिटी और यूनिवर्सिटी के बीच बैठकों के लिए कई निवेदन किए हैं। इसके बाद इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए एक विस्तृत अवधारणा नोट और नोडल संपर्क बिंदु के लिए भी निवेदन किया है। रिपोर्ट में यह भी बोला गया है कि आईआईटी दिल्ली के लिए संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र और मलेशिया पसंदीदा विकल्प है। रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र 2022-23 से आईआईटी कैंपस के लिए लालायित है। उसने बोला है कि यदि अभी फिजिकल कैंपस संभव नहीं हो पा रहा है तो औनलाइन प्रबंध ही प्रारम्भ कर दी जाए। हालांकि, समिति ने जल्दबाजी के विरूद्ध राय देते हुए बोला है कि उचित विचार-विमर्श के बाद ही आवासीय परिसरों को खोला जाना चाहिए।

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