नई दिल्ली. हार्दिक पंड्या इस समय टीम इंडिया में अपने कमबैक का पूरा मजा उठा रहे हैं. पंड्या ने इसकी शुरुआत आईपीएल 2022 से ही कर दी थी. वो लीग के जरिए मैदान पर लौटे और एक ऑलराउंडर के रूप में अपने खोए रुतबे को दोबारा हासिल किया.
इस दौरान उन्होंने अपनी कप्तानी में गुजरात टाइटंस को डेब्यू सीजन में ही आईपीएल का चैम्पियन बनाया. पंड्या ने इसी एक टूर्नामेंट से अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया था. अगर कुछ कसर बाकी रह भी गई थी, तो वो हाल ही में आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ खत्म हुई लिमिटेड ओवर सीरीज ने पूरी कर दी. आयरलैंड और इंग्लैंड दौरे पर हार्दिक एक ऑलराउंडर के रूप में और मजबूत बनकर उभरे. आखिर कैसे टीम इंडिया को 2018 से पहले वाला हार्दिक मिला. आपको पूरी कहानी बताते हैं.
पंड्या इंग्लैंड के खिलाफ 3 वनडे की सीरीज में गेंद और बल्ले दोनों से हिट रहे. उन्होंने ऋषभ पंत (125) के बाद सीरीज में सबसे अधिक 100 रन बनाए. औसत 50 और स्ट्राइक रेट 101 का रहा. गेंद से भी उनका प्रदर्शन ऐसा ही रहा. उन्होंने पूरी सीरीज में 17 ओवर गेंदबाजी की और 74 रन देकर कुल 6 विकेट लिए. उन्होंने मैनचेस्टर में हुए तीसरे और निर्णायक मुकाबले में 24 रन देकर 4 विकेट लेने के साथ ही 71 रन की अहम पारी भी खेली. इस मैच में पंड्या ने ऋषभ पंत के साथ पांचवें विकेट के लिए 133 रन की साझेदारी की थी.
वहीं, इंग्लैंड के खिलाफ 3 टी20 की सीरीज में से दो मैच में वो उतरे. 7 ओवर में 62 रन देकर कुल 5 विकेट हासिल किए. इस सीरीज में उन्होंने 63 रन भी बनाए. इंग्लैंड दौरा पंड्या के लिए इसलिए भी खास रहा, क्योंकि उन्होंने बतौर गेंदबाज अपने टी20 और वनडे करियर का सबसे बेहतर प्रदर्शन इसी दौरे पर किया. हालांकि, उनके लिए बीता साल अच्छा नहीं रहा था.
टी20 विश्व कप में भारत को नुकसान उठाना पड़ा
पिछले साल टी20 विश्व कप में पंड्या ऑलराउंडर के रुतबे जैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे. उन्होंने पांच मैच खेले. लेकिन पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ 4 ओवर गेंदबाजी की. बल्ले से भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और वो 69 रन ही बना पाए. टीम इंडिया को इसका नुकसान उठाना पड़ा और वो ग्रुप-स्टेज से ही आगे नहीं बढ़ पाई. इसके बाद हार्दिक लंबे ब्रेक पर चले गए. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी साफ किया कि वो एक खिलाड़ी के तौर पर हार्दिक की अहमियत जानते हैं. लेकिन, अब उनकी वापसी बल्लेबाज नहीं, बल्कि 2018 के पहले की तरह एक ऑलराउंडर के रूप में होगी. यानी उन्हें गेंदबाज के रूप में भी परफेक्ट होना होगा.
पंड्या को चोट के कारण कब-कब परेशान होना पड़ा?
पंड्या 2018 से ही पीठ की समस्या से जूझ रहे थे. उन्होंने पहली बार 2018 के इंग्लैंड दौरे पर ट्रेंटब्रिज टेस्ट की जीत में अहम योगदान देने के बाद इसकी शिकायत की थी. इस टेस्ट में पंड्या ने 6 विकेट लेने के बाद नाबाद 52 रन बनाए थे. इसके बाद सितंबर में पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के एक मुकाबले में गेंदबाजी के दौरान उन्हें इसी तकलीफ के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा.
महीने भर बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बैंगलुरू में हुए दूसरे टी20 के दौरान उनका पीठ दर्द और बढ़ गया. इसके बाद उन्होंने सर्जरी का फैसला लिया और 2019 में इसके लिए लंदन गए. कई महीनों तक टीम से बाहर रहने के बाद पंड्या ने 2020 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे सीरीज से मैदान में वापसी की. लेकिन, गेंदबाजी के लिए संघर्ष करते नजर आए. पिछले साल इंग्लैंड के घरेलू लिमिटेड ओवर सीरीज में खेले. लेकिन गेंदबाजी नहीं की. उनकी इसी कमजोरी का भारत को यूएई में हुए टी20 विश्व कप में नुकसान उठाना पड़ा और भारत ग्रुप-स्टेज से आगे नहीं गया.
मोरे ने पंड्या को कमबैक के लिए किया तैयार
यहीं से उनकी गेंदबाज के रूप में वापसी की शुरुआत हुई. उन्होंने बीसीसीआई से लंबा ब्रेक मांगा और एक ऑलराउंडर के रूप में मैदान पर दोबारा लौटने के लिए फिटनेस पर काम शुरू किया. इसके लिए वो अपने मेंटॉर किरण मोरे के पास लौटे. मोरे भी पंड्या से बात कर समझ गए थे कि टी20 विश्व कप में खराब प्रदर्शन ने उन्हें तोड़ दिया था. ऐसे में पंड्या खुद पर दोबारा यकीन करना शुरू करें, इसके लिए मोरे ने पहले उनकी बल्लेबाजी पर काम शुरू किया.
मैंने पहले पंड्या की बल्लेबाजी पर काम किया: मोरे
मोरे ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, “शुरुआत में पंड्या जब मेरे पास आए थे. तो वो वाकई संघर्ष कर रहे थे. वो बल्लेबाजी के दौरान भी परेशान नजर आ रहे थे. उन्होंने मुझसे कहा, “सर में रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहा हूं. मैंने कहा, कोई बात नहीं, इसे लेकर चिंता मत करो. हम 15 दिन बाद इस पर बात करेंगे. यह काम कर गया. 15-20 दिन बाद, मुझे उनके गेंदों को हिट करने के तरीके में बहुत अंतर दिखाई दिया.”
‘पंड्या शेरदिल खिलाड़ी हैं’
पूर्व भारतीय विकेटकीपर ने आगे कहा, “पंड्या ने मुझसे कहा कि वो तीन महीने बड़ौदा में रहकर अपने खेल पर काम करना चाहते हैं. अगर एक खिलाड़ी के तौर पर आपके पास वापसी के लिए साफ प्लान होता है तो इससे काफी मदद मिलती है. अगर आप पंड्या का हौसला बढ़ाते हैं तो वो हर बार आपके लिए प्रदर्शन करेंगे. जैसा कि उन्होंने इंग्लैंड में कर दिखाया. वो शेरदिल इंसान हैं.”
फिटनेस के लिए अलग से पूरा प्रोग्राम तैयार हुआ
मोरे ने जहां पंड्या की बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर काम किया. वहीं, भारतीय क्रिकेट टीम के कंडीशनिंग ट्रेनर सोहम देसाई ने उनके लिए पूरा हेल्थ प्रोग्राम डिजाइन किया. इसे लेकर मोरे ने बताया, “बैक इंजरी छोटी चोट नहीं होती है. जब भी आप मैदान पर उतरते हैं तो हमेशा आपके दिमाग में यह बात रहती है. लेकिन, अब पंड्या पूरी तरह फिट हो चुके हैं और आईपीएल में मिली सफलता ने उन्हें और आत्मविश्वास दिया है.” यही यकीन उन्हें मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करने में मदद कर रहा है. फिलहाल, टीम इंडिया के पास उनका विकल्प नहीं है.