देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के बाद उच्च सदन की तस्वीर बदल गई है. महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और हरियाणा की राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने सियासी करिश्मा दिखाते हुए 3 राज्यों में कांग्रेस को जबरदस्त झटका दिया है.
इसके बावजूद बीजेपी की सीटें पहले से कम हुई हैं और उच्च सदन में 100 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए इंतजार करना होगा. एनडीए अभी भी बहुमत से दूर है और मोदी सरकार को राज्यसभा में अपने विधेयकों को पास कराने के लिए क्षेत्रीय दलों पर निर्भर रहना होगा तो राष्ट्रपति के चुनाव में भी बीजेपी के लिए मशक्कत करनी होगी.
राज्यसभा चुनाव में किसे फायदा-किसे नुकसान
बता दें कि 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं. इनमें से चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों पर शुक्रवार (10 जून) को चुनाव हुए, जिसमें से 8 सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही. हरियाणा में एक निर्दलीय उम्मीदवार को जीत दिलाने में कामयाब रही. वहीं, इससे पहले 11 राज्यों की 41 राज्यसभा सीटों पर निर्विरोध उम्मीदवार चुने गए हैं, जिसमें 14 राज्यसभा सीटें बीजेपी के खाते में आई हैं. इस तरह से भाजपा ने अपने दम 22 राज्यसभा सीटें जीती हैं.
राज्यसभा चुनाव के नतीजे को देखें तो 15 राज्यों की 57 सीटों में से बीजेपी 22 राज्यसभा सीटें जीतने में सफल रही जबकि उसके सहयोगी जेडीयू को एक और एआईएडीएमके को दो सीटें मिली हैं. वहीं, कांग्रेस ने कुल 9 राज्यसभा सीटें जीतने में सफल रही है जबकि 22 सीटें क्षेत्रीय दलों ने अलग-अलग राज्यों में जीत दर्ज की है और एक सीट निर्दलीय को मिली हैं.
बीजेपी की राज्यसभा में सीटें घटीं
बीजेपी ने भले ही राज्यसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती हों, लेकिन पहले की तुलना में उसकी सीटें घटी हैं. राज्यसभा की जिन 57 सीटों पर चुनाव हुए हैं, उनमें से बीजेपी के पास 25 सीटें थीं, लेकिन उसकी सीटें अब सिर्फ 22 रह गई हैं. उच्च सदन में कुल 245 सीटें हैं, जिनमें से फिलहाल 232 सांसद हैं. ऐसे में बीजेपी के खाते में कुल 95 सीटें थीं जो नए निर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के बाद घटकर 92 रह जाएंगी.
वहीं, एनडीए की बात करें तो एआईएडीएमके के 3, जेडीयू के 2 और एक निर्दलीय का आंकड़ा मिलाकर पहले एनडीए के पास इन 57 सीटों में 31 सीट थीं. इस बार के चुनाव में बीजेपी के दोनों सहयोगी दलों एआईएडीएमके और जेडीयू को 1-1 सीट का नुकसान उठाना पड़ा है. हालांकि, बीजेपी हरियाणा में निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा को अपने समर्थन से जीत दिलाने में सफल रही है. राज्यसभा में एआईएडीएमके और जेडीयू के 5-5 सदस्य थे, लेकिन चुनाव के बाद अब यह आंकड़ा घटकर 4-4 का हो गया है.
एनडीए के पास कुल 102 राज्यसभा सदस्य
बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए में कई दल हैं, लेकिन फिलहाल जेडीयू और एआईएडीएमके के पास ही राज्यसभा सदस्य हैं. इस तरह से एनडीए राज्यसभा में 100 सदस्य के आंकड़ा हो रहा है, जिनमें एक निर्दलीय और एक आरपीआई के प्रमुख रामदास अठावले हैं. इस तरह से एनडीए के पास उच्च सदन में 102 सदस्य हो रहे हैं. हालांकि, इससे पहले इसी साल अप्रैल में राज्यसभा में बीजेपी सांसदों का आंकड़ा 100 के करीब पहुंच गया था.
कांग्रेस और उसके सहयोगियों की राज्यसभा चुनाव में बढ़ी ताकत
वहीं, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के 9, डीएमके के 3, शिवसेना-एनसीपी एक-एक सीटें जीतने में कामयाब रही. इस तरह से कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल संख्या 14 तक पहुंच गई है. हालांकि, कांग्रेस को एक सीट का फायदा हुआ, उसके पास 8 राज्यसभा सीटें थीं. सपा की 3, बीजेडी की 4 और टीआरएस की 3 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें से बीजेडी और टीआरएस ने अपने नंबर को बरकरार रखा है, लेकिन उसकी सीटें घट गई हैं.
सपा ने अपने कोटे से एक सीट निर्दलीय कपिल सिब्बल और एक सीट आरएलडी को दे दी है. इस तरह से सपा की सीटें घट गई हैं और राज्यसभा में अब महज तीन रह जाएंगी. वाईएसआर कांग्रेस की चार सीटें मिली हैं तो आरजेडी को दो, सपा को एक, आम आदमी पार्टी को दो सीट मिली हैं. इसके अलावा डीएमके को तीन सीटें, जेएमएम को एक सीट मिली है. इस तरह से राज्यसभा में अभी भी विपक्षी दल मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं.