स्थगन आदेश के बावजूद ज़मीन कब्जे की कोशिश, रफीक नाम का व्यक्ति बना पुलिस और माफिया का एजेंट!

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बिहार/ब्यूरो/  

तनवीर आलम शेख/

पिता पुलिस विभाग में, बेटा बना ‘दलाली नेटवर्क’ का चेहरा?रफीक

 

एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ कोर्ट से ज़मीन पर स्थगन आदेश (Stay Order) मिलने के बावजूद कुछ दबंग किस्म के लोग ज़बरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि यह सब कुछ स्थानीय व्यक्ति रफीक की अगुवाई में हो रहा है, जो खुद को पुलिस के संरक्षण में बताता है और थाने में बैठकर दलाली और ‘सेटिंग’ का काम करता है।

पिता पुलिस विभाग में, बेटा बना ‘दलाली नेटवर्क’ का चेहरा?

सूत्रों के अनुसार, mobile(9262915357)रफीक का पिता पुलिस विभाग में कार्यरत है, जिसकी आड़ में वह खुलेआम पुलिस और माफिया नेटवर्क के साथ मिलकर ज़मीन कब्जा, दलाली और धमकी का खेल खेल रहा है। इस कारण स्थानीय थाने पर पक्षपात और मिलीभगत के आरोप लगने लगे हैं।

कोर्ट में मामला, फिर भी धमकी और दबाव का खेल

पीड़ित पक्ष ने कोर्ट से राहत लेते हुए स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद रफीक और उसके साथियों द्वारा ज़मीन पर अपना “खौफ” दिखाते हुए कब्जा करने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित ने कोर्ट में इस मामले से संबंधित रिकॉर्डिंग्स, वीडियो फुटेज और नाम दर्ज करा दिए हैं, जिससे यह साबित हो सके कि यह एक संगठित गिरोह है।

घरेलू और न्यायालय में दिए गए बयान में विरोधाभास, वीडियो बना सबूत

पीड़ित ने यह भी बताया कि घर पर और कोर्ट में रफीक द्वारा दिए गए बयान विरोधाभासी हैं, जिसका वीडियो भी मौजूद है। इस वीडियो को देखकर कोई भी अंदाज़ा लगा सकता है कि कैसे रफीक बयान बदल रहा है और न्याय व्यवस्था को गुमराह कर रहा है।

मोबाइल कॉल डिटेल से खुल सकते हैं कई राज

पीड़ित का यह भी कहना है कि यदि रफीक के मोबाइल की कॉल डिटेल्स (CDR) की जांच की जाए तो यह साफ़ हो जाएगा कि वह किन-किन माफियाओं और पुलिसकर्मियों से संपर्क में है। यह एक संगठित दलाली नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जो स्थानीय स्तर पर लोगों को पुलिस के नाम पर डराता-धमकाता है।

थाने में बैठकर करता है ‘सेटिंग’

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि रफीक थाना परिसर में घंटों बैठता है, और वहीं से विवादों की डीलिंग और पक्ष निर्धारण का काम करता है। लोगों की मांग है कि SP और IG स्तर के अधिकारी थाना परिसर की CCTV फुटेज जांचें, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि एक आम नागरिक को यह विशेषाधिकार कैसे और क्यों मिला।

कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल

इस पूरे मामले ने फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक आम नागरिक कोर्ट से स्टे लेने के बाद भी ज़मीन पर कब्जे और धमकियों से नहीं बच पा रहा है, तो फिर ऐसे में न्याय और प्रशासन पर जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा?

उच्च स्तरीय जांच की मांग

पीड़ित पक्ष ने SP, IG और DGP स्तर तक मामले की शिकायत की है और मांग की है कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो तथा रफीक जैसे “थाना दलालों” को जेल भेजा जाए। जनता भी चाहती है कि इस प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच बैठाई जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि आने वाले समय में कोई भी कानून को ठेंगा न दिखा सके।

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