नई दिल्ली. साहेबगंज टेंडर घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने की बड़ी कार्रवाई. 9 घंटों की पूछताछ के बाद विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
ईडी की टीम पंकज मिश्रा को लेकर रांची सदर अस्पताल में मेडिकल जांच कराने के बाद आज पुलिस कस्टडी में रखा जाएगा. कल बुधवार को विशेष न्यायाधीश के समक्ष पंकज मिश्रा की पेशी की जाएगी. आज की रात पंकज मिश्रा कोतवाली थाने की हाजत में गुजारेंगे.
2 समन मिलने के बाद मंगलवार को एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी ऑफिस के दफ्तर में सवालों का जवाब देने पहुंचे पंकज मिश्रा. लेकिन ईडी के सवालों और सुबूतों के सामने वे असहज हो गए और आखिरकार साक्ष्यों के आधार पर पंकज मिश्रा को ईडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. ईडी दफ्तर में पंकज मिश्रा 9 घंटों तक रहे, जिसके बाद उन्हें लेकर ईडी की टीम सदर अस्पताल पहुंची, जहां उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया और फिर पंकज मिश्रा को कोतवाली थाने ले जाया गया.
मंगलवार सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर पंकज मिश्रा ईडी के दफ्तर पहुंचे थे, जिसके बाद उनसे लंबी पूछताछ ईडी के अधिकारियों ने की. कई सवालों पर पंकज असहज नजर आए. ईडी के साक्ष्यों के आगे पंकज की एक न चली और आखिरकार ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हालांकि आज पंकज की अदालत में पेशी नहीं हो पाई. ईडी के अधिकारियों ने उन्हें कोतवाली थाने में पुलिस अभिरक्षा में रखा है.
बता दें कि बीते दिनों ईडी की टीम ने पंकज मिश्रा सहित उनके करीबियों और माइनिंग से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. जिसके बाद ईडी ने दाहू यादव और बच्चू यादव को अवैध पत्थर खनन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. जानकारी के अनुसार दाहू यादव पंकज मिश्रा का करीबी है. बता दें कि अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा, दाहू यादव और उनके सहयोगियों के 37 बैंक खातों में 11.88 करोड़ रुपए जमा थे, जिसे ईडी ने जब्त कर लिया था. इससे पहले ईडी ने साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा में 19 स्थानों पर छापेमारी की थी. जिसके बाद से ही पंकज को ED ने समन जारी किया था, लेकिन पंकज ने बीमारी की बात कहकर ED से मोहलत मांगी थी.
बता दें कि झारखंड में मनरेगा घोटाले में कार्रवाई के जरिए ईडी ने तत्कालीन खनन सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई की थी. जिसके बाद ED ने पैसों की बरामदगी के लिंक की पड़ताल शुरू की तो मामला अवैध खनन से जुड़ा मिला. तब ईडी ने साहिबगंज समेत संथाल परगना के कई जिलों के डीएमओ से पूछताछ की थी, उसके बाद से ही पंकज मिश्रा ईडी के राडार पर थे.
सूत्रों ने सुबह ही बताया था कि जिस तरह से पिछले कुछ महीनों में काफी महत्त्वपूर्ण सबूतों, फोरेंसिक सबूतों, कई सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के बयान और अवैध रूप से अर्जित की गई करोड़ों रुपए के संदिग्ध लेनदेन के दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं, उसके आधार पर जल्द ही गिरफ्तारी संभव हो सकती है.