समस्तीपुर | Asian Times Bureau Report
समस्तीपुर में निगरानी विभाग की टीम द्वारा मंगलवार को की गई कार्रवाई में बड़ा खुलासा हुआ है। टीम जब जिले में पदस्थापित अफसर उपेंद्रनाथ वर्मा के कार्यालय पहुंची तो वह वहां मौजूद नहीं थे। इसके बाद टीम उनके उस कमरे तक पहुंची, जिसे वे कार्यालय के पास एक होटल के ऊपर किराये पर लेकर उपयोग कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार कमरे का कैमरा बंद मिला, जिसके बाद निगरानी टीम ने स्थानीय मजिस्ट्रेट को बुलाया और उनकी मौजूदगी में कमरा खुलवाया गया। अलमारी की तलाशी के दौरान ₹5,00,600 नकद बरामद किया गया।
उपेंद्रनाथ वर्मा यहां करीब एक साल से पदस्थापित हैं।
तीन गाड़ियों से पहुंची 11 अधिकारियों की टीम
जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे निगरानी विभाग की टीम छापेमारी के लिए समस्तीपुर पहुंची।
टीम कुल 11 अधिकारियों के साथ तीन गाड़ियों में आई थी। इनमें—
3 DSP,
2 इंस्पेक्टर,
4 सब-इंस्पेक्टर,
2 कॉन्स्टेबल शामिल थे।
टीम ने कमरे में मौजूद दस्तावेज़ों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अलमारी की गहन तलाशी ली। मेरे खिलाफ गहरी साजिश” — उपेंद्रनाथ वर्मा
पूछताछ में अधिकारी उपेंद्रनाथ वर्मा ने इस कार्रवाई को अपने खिलाफ रची गई साजिश बताया।
उन्होंने कहा: “मेरे साथ गहरी साजिश हुई है। मैं किसान परिवार से हूं। यह मेरी पारिवारिक संपत्ति है। मैं सारे कागजात अदालत में पेश करूंगा। मेरा कोई फ्लैट नहीं है, सिर्फ मेरी सैलरी अकाउंट है।”उन्होंने छापेमारी को राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा बताया है।
निगरानी विभाग की जांच जारी
बरामद नकदी की स्रोत और उपयोग को लेकर निगरानी विभाग ने वर्मा से विस्तृत पूछताछ शुरू कर दी है।
साथ ही, कमरे में मिले दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा की भी जांच की जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि विभाग जल्द ही इस मामले में आय स्रोतों की जांच,
बैंक खातों का ऑडिट,
और परिवारिक संपत्तियों का सत्यापन भी शुरू कर सकता है।
स्थानीय प्रशासन सतर्क
घटना के बाद जिले के प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है।
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में की गई कार्रवाई को देखते हुए माना जा रहा है कि यह जांच अभी और गहरी होने वाली है।
Author: Noida Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)







