बिहार में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में कुछ बातें साफ़ हैं. सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है। जेडीयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी और आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमह ने जायसवाल को करारा जवाब दिया है। गुलाम रसूल बलियावी ने कहा है कि संजय जायसवाल के नाम के साथ डॉक्टर लगा है फिर भी वे इस तरह की बात करते हैं।
जेडीयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने जायसवाल पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनके बयान से हमें अफ़सोस भी है और हैरत भी है। हमें अफ़सोस इस बात का है कि संजय जायसवाल के नाम के साथ डॉक्टर लगा है। सच ये है कि सीमांचल, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार के मुसलमान का नाम लेकर ये वंचित, शोषित, बेरोज़गार और पढ़े लिखे युवाओं के भविष्य को दाव पर लगा रहे है। इसी तरह इनकी सत्ता में एंट्री हुई है। मुस्लिम समुदाय को दिखाकर बहुसंख्यक समुदाय को डराने वाली पार्टी बीजेपी भागी चल रही है। बेरोज़गार नौकरी को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। महिलाएं महंगाई से त्रस्त है। जब लोग सवाल कर रहे हैं और परिवर्तन की चिंगारी बिहार से निकल चुकी है तो ये पार्टी बहुसंख्यक को डराने के लिए मुस्लिम समुदाय का सहारा ले रही है। लेकिन इन्हे जनता जवाब देगी। हिम्मत है तो जायसवाल जी जातिगत आधारित जनगणना करा दीजिये। हमारे नेता ने तो इसे कराने की तैयारी भी कर ली है। उन्होंने कहा कि ये धार्मिक उन्माद बिहार में नहीं चलने वाला है। बीजेपी की बेचैनी और घबराहट स्वाभाविक है।
वहीं, एजाज अहमद ने कहा है कि जिस तरह से संजय जायसवाल दल बदल की राजनीति करते रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि अब बीजेपी उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। भारतीय जनता पार्टी पारिवारिक लाभ लेने के लिए काम करती रही है। संजय जायसवाल नफरत फैलाने वाली राजनीति कर रहे हैं।
अल्पसंख्यान कल्याण विभाग मंत्री जमा खान ने भी संजय जायसवाल पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि संजय जायसवाल को कोई काम है या नही? सरकार बनने के बाद उनकी परेशानी बढ़ गई है, वे कुछ भी बोल दे रहे हैं। कुछ दिनों बाद उनका दिमाग भी काम करना बंद कर देगा। मुझे समझ नही आता कैसे लोग हैं ये। उन्हें गाली तो नही दी जा सकती है, लेकिन हम उनसे आग्रह करेंगे कि वे अपना बकवास बंद करें।