बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके विभाग में कई ‘चोर’ हैं और वह उनके ‘सरदार’ हैं. नीतीश कुमार सरकार में मंत्री ने आगे दावा किया कि उनके ऊपर और भी कई ‘सरदार’ हैं. मंत्री के इस बयान के बाद अब बिहार की सियासत तेज हो गई है। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने आज एक बार फिर कहा कि वे अपने बयान पर पूरी तरह से कायम हैं और उसमें कोई संसोधन नहीं करने जा रहे हैं।
नई सरकार में मंत्री बने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ने आज एक बार फिर साफ लहजे में कह दिया कि उन्होंने जो बयान दिया था वे उसपर पूरी तरह से कायम हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने बयान में कोई भी संशोधन नहीं करने जा रहे हैं, जिसको जो समझना है समझते रहे। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है और वे जनता के सवालों पर हमेशा लड़ते रहेंगे। सुधाकर सिंह ने कहा कि राज्य में जो स्थिति है, उसी को बोला है। मैं अपने बयान पर अडिग हूं, इसके आलावा मुझे कोई सफाई नहीं देनी है।
दरअसल, कैमूर के चांद प्रखंड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा था कि उनके विभाग के लोग चोर हैं और वे उन चोरों के सरदार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनके ऊपर भी कई सरदार मौजूद हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार वही पुरानी है, इसके चाल चलन भी पुराने हैं, हम लोग तो कहीं कहीं हैं, लेकिन जनता को लगातार सरकार को अगाह करना होगा। कृषि मंत्री इतना पर ही नहीं रुके थे, उन्होंने मंच से जनता को संबोधित करते हुए बिहार राज्य बीज निगम पर भी गंभीर आरोप लगाया था।
सुधाकर सिंह ने कहा था कि जिन किसानों को धान की अच्छी खेती करनी होती है वे बिहार राज्य बीज निगम से धान का बीज नहीं लेते हैं। अगर किसी कारणवश ले भी जाते हैं तो उसे अपने खेतों में नहीं डालते। बीज निगम वाले किसानों को राहत देने की जगह पर सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपए की चोरी कर लेते हैं। उन्होंने बिना नाम लिए चैनपुर से विधायक रहे और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि इसके पहले भी सरकार में यहां से एक मंत्री रह चुके थे उसके बावजूद यहां के लोगों की स्थिति जब नहीं बदली तो उन्हें मंत्री बनाया गया।
सुधाकर सिंह ने कहा था कि कैमूर जिले में भ्रष्ट अधिकारी भरे पड़े हैं। हमारे विभाग का कोई ऐसा अंग नहीं है जो चोरी नहीं करता होगा। इस तरह से हम चोरों का सरदार हुए। आप अगर पुतला फूंकते रहिएगा तो मुझे याद रहेगा कि किसान मुझसे नाराज हैं। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो मुझे लगेगा सब चीज ठीक चल रही है। उन्होंने कहा थी कि हम ही अकेले सरदार नहीं है, हमारे ऊपर भी कई लोग हैं।