यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का खतरा दिन-ब-दिन घहराता ही जा रहा है. इस तनाव के बीच, यूक्रेन ने रूस पर एक किंडरगार्टन स्कूल में गोले दागने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन का आरोप है कि रूस द्वारा समर्थित कुछ ताकतों ने पूर्वी यूक्रेन के Luhansk इलाके के एक गांव में गोले दागे, जिससे एक किंडरगार्टन क्षतिग्रस्त हो गया. सेना का कहना है कि इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ.
राष्ट्रपति Volodymyr Zelensky ने कहा कि Stanytsia Luhanska में एक किंडरगार्टन में रूसी समर्थित ताकतों द्वारा हमला एक बड़ा उकसावे वाला मामला है. उन्होंने कहा, “हमें सभी संघर्षविराम उल्लंघनों को रिकॉर्ड करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की जरूरत है.”
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, किंडरगार्डन वर्कर Natalia Slesareva ने कहा कि हमला जिम पर हुआ. “बच्चे नाश्ता कर रहे थे जब ये हमला हुआ. नाश्ते के बाद उनकी जिम क्लास थी, अगर 15 मिनट देरी होती, तो हालात काफी खराब होते.”
रूस ने अमेरिका के डिप्लोमैट को निकाला
रूस ने अमेरिका के नंबर टू डिप्लोमैट को देश से निष्कासित कर तनातनी को और बढ़ा दिया है. मॉस्को में तैनात अमेरिकी अधिकारी बार्ट गोर्मन को रूस से निष्कासित कर दिया गया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने 17 फरवरी को इसकी पुष्टि की. इस निष्कासन के लिए मास्को ने क्या कारण दिया था, यह अभी सामने नहीं आ पाया है.
पहले भी चेतावनी जारी कर चुके अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 17 फरवरी को फिर दोहराया कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है, और ये अगले कुछ दिनों में हो सकता है. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन ने व्हाइट हाउस में रिपोर्टरों से कहा, “खतरा काफी ज्यादा है, क्योंकि उन्होंने अपनी सेना पीछे नहीं हटाई है, बल्कि और सेना लेकर आए हैं. हमारे पास हर संकेत ये है कि वो यूक्रेन में जाने, यूक्रेन पर हमला करने के लिए तैयार हैं.”
ब्रिटेन ने मिंस्क समझौते का पालन करने को कहा
ब्रिटेन सरकार ने 17 फरवरी को क्रेमलिन को यूक्रेन में दो मॉस्को समर्थक अलगाववादी क्षेत्रों को औपचारिक रूप से मान्यता देने के खिलाफ चेतावनी दी. ब्रिटिश विदेश सचिव लिज ट्रस ने एक बयान में कहा, “ड्यूमा का अनुरोध कि व्लादिमीर पुतिन Donetsk और Luhansk के यूक्रेनी क्षेत्रों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता देता है, मिंस्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं के लिए खुले तौर पर अवहेलना करता है.”
इससे पहले, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 16 फरवरी को कहा था कि इस बात के सबूत बेहद कम हैं कि रूस, यूक्रेन के पास से अपनी सेना हटा रहा है.