राष्ट्रपति चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा को संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बनाया गया है। उनके बेटे और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि वह भाजपा सदस्य के रूप में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे और लोगों से उन्हें उनके ‘बेटे’ के रूप में न देखने और चुनाव को पारिवारिक मुद्दा ना बनाने का आग्रह किया।
ट्विटर पर एक पोस्ट किए गए एक संदेश में झारखंड के हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि उन्हें कई लोगों के फोन आ रहे हैं और मीडिया भी पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा, मैं आप सभी से अनुरोध करूंगा कि मुझे एक बेटे के रूप में न देखें और इसे पारिवारिक मामला ना बनाएं। मैं एक भाजपा कार्यकर्ता और हजारीबाग से सांसद हूं। मैं अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरी तरह समझता हूं और उनका निर्वहन करूंगा। सभी निर्वाचित सांसद और विधायक, राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल के सदस्य हैं।
84 वर्षीय यशवंत सिन्हा पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता थे और पार्टी से दरकिनार किए जाने से पहले उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई थीं। साल 2018 में उन्होंने भगवा पार्टी को छोड़ दिया था।
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा को हजारीबाग से मैदान में उतारा था। जीत के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। हालांकि जयंत सिन्हा 2019 में फिर से सांसद चुने गए लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।