राजस्थान : नए मुख्य सचिव पद के लिए कवायद तेज, सीएम अशोक गहलोत का क्या हैं प्लान, जानें

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राजस्थान में नए मुख्य सचिव की कवायद तेज हो गई है। मुख्य सचिव की दौड़ में आधा दर्जन अफसरों के नाम चल रहे हैं, लेकिन वरिष्ठ आईएएस वीनू गुप्ता और उषा शर्मा फिलहाल मुख्य सचिव बनने की रेस में सबसे आगे निकल गईं।

दोनों अफसरों ने मुख्य सचिव बनने की रेस में शामिल अन्य आईएएस को पीछे छोड़ दिया है। सीएम गहलोत महिलाओं मतदाताओं को साधने के लिए दोनों अफसरों में से किसी एक के नाम पर दांव खेल सकते हैं। यदि ऐसा होता हैं तो राज्य में इस बार पुरुष आईएएस को मुख्य सचिव बनाने की परंपरा बदल जाएगी। राज्य में दूसरी बार किसी महिला आईएएस को मुख्य सचिव बनने का अवसर मिलेगा। सीएम गहलोत के कार्यकाल में ही कुशाल सिंह राजस्थान की पहली महिला मुख्य सचिव बनीं थी। जनवरी के प्रारंभ में आईएएस सुबोध अग्रवाल,शुभ्रा सिंह, वी. श्री निवासन, पीके गोयल, नीलकमल दरबारी, रविशंकर श्रीवास्तव और राजेश्वर सिंह के नाम मुख्य सचिव पद के लिए तेजी से उभरे थे। मुख्य सचिव निरंजन आर्य 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की रिश्तेदार हैं उषा शर्मा

1985 बैच की आईएएस अधिकारी वीनू गुप्ता विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की करीबी रिश्तेदार हैं। सीपी जोशी अपने तरीके से उषा शर्मा के लिए लाॅबिंग कर रहे हैं। ब्राह्मण वोटर को ध्यान में रखकर सीएम गहलोत उषा शर्मा के नाम पर मुहर लगा सकते हैं। उषा शर्मा दिल्ली से अपने मूल कैडर राजस्थान में आना चाहती है। इसकी वजह यह है कि उषा शर्मा के पति बीएन शर्मा जयपुर में ही रहते हैं। आईएएस अधिकारी बीएन शर्मा राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के चैयरमेन है। उषा शर्मा की छवि टीम वर्क के साथ काम करने की मानी जाती है।

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