राजद के पोस्टर पर ‘लालू नाम केवलम’, तेजस्वी के साथ संजय यादव की तस्वीर पर उठे सवाल

राजद के पोस्टर पर ‘लालू नाम केवलम’, तेजस्वी के साथ संजय यादव की तस्वीर पर उठे सवाल

पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक पोस्टर को लेकर हलचल मची हुई है। इस पोस्टर में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, जगदानंद सिंह और तेज प्रताप यादव की तुलना में तेजस्वी यादव की तस्वीर सबसे प्रमुख रूप से उभरकर सामने आई है। साथ ही, इसमें संजय यादव की तस्वीर भी दिखाई दे रही है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है।

संजय यादव की तस्वीर पर उठे सवाल

राजद के इस पोस्टर में संजय यादव की तस्वीर को भी प्रमुखता दी गई है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि संजय यादव का कद पार्टी में इतना बड़ा क्यों किया जा रहा है?

सचिन अहीर नाम के एक यूजर ने लिखा, “लालू नाम केवलम।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कमेंट किया कि “संजय यादव को पार्टी में इतनी अहमियत क्यों दी जा रही है?”

पोस्टर पॉलिटिक्स और बदलता समीकरण

यह पोस्टर ‘दिव्यांग अधिकार सम्मेलन’ के लिए लगाया गया था, लेकिन इसके राजनीतिक मायने गहरे हैं। राजद के संस्थापक लालू यादव की छवि पार्टी के हर पोस्टर में अब तक केंद्रीय रही है, लेकिन इस बार तेजस्वी यादव की तस्वीर सबसे बड़ी और प्रभावशाली दिख रही है। इसके अलावा, संजय यादव की मौजूदगी ने अटकलों को और तेज कर दिया है कि वह तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद रणनीतिकार बन चुके हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस पोस्टर को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है। विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा कि राजद अब परिवारवाद और चहेतों की पार्टी बनकर रह गई है। वहीं, राजद समर्थकों का मानना है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी एक नई दिशा की ओर बढ़ रही है, जहां युवा और रणनीतिकारों की अहमियत बढ़ाई जा रही है।

चुनावी असर

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस पोस्टर का बड़ा राजनीतिक प्रभाव पड़ सकता है। क्या राजद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में नए तरीके से उभर पाएगा या फिर यह आंतरिक गुटबाजी को जन्म देगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में ‘पोस्टर वार’ एक नया मोड़ ले चुका है।

 

 

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