भीख मांगने वाले गिरोह का बड़ा नेटवर्क सक्रिय: बच्चों और महिलाओं का हो रहा शोषण
बिहार और उत्तर प्रदेश
बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भीख मांगने वाले गिरोहों का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। इस गिरोह में बच्चे और महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें मजबूरी में भीख मांगने के लिए मजबूर किया जाता है। ताजा मामले में पटना से खबर आई है, जहां एक लड़के ने गिरोह के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए।
गिरोह का परिचय और कामकाज का तरीका
यह गिरोह न केवल भीख मांगने के काम में लिप्त है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को तोड़कर गरीब और बेसहारा लोगों का शोषण कर रहा है। गिरोह के सदस्य मासूम बच्चों और महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर उनसे जबरन काम कराते हैं।
काम का तरीका:
1. राशन योजना का दुरुपयोग:
यह गिरोह गरीबों को बहकाकर राशन का दुरुपयोग करता है। ये लोग मासूमों को दुकानों से मुफ्त राशन दिलाने को कहते हैं और बाद में उसे ऊंचे दामों पर बेच देते हैं।
2. स्मार्ट और मासूम बच्चों का शोषण:
गिरोह ऐसे बच्चों को चुनता है जो स्मार्ट और आकर्षक होते हैं। उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से धमकाया जाता है कि वे गिरोह के लिए काम करें।
3. महिलाओं का शोषण:
कई महिलाएं भी इस गिरोह का हिस्सा हैं, जिन्हें मजबूरी में भीख मांगने पर मजबूर किया जाता है। उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है।
पटना में भीख मांगने वाला गैंग सक्रिय
पटना में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक लड़के ने खुलासा किया कि यह गैंग उसे “स्मार्ट” कहकर मजबूर करता था। वह लड़का इस घिनौने काम से बचना चाहता था, लेकिन गैंग ने उसकी हालत ऐसी कर दी कि वह अब कुछ भी करने लायक नहीं रहा।
लड़के का बयान: वे कहते थे कि हमारे लिए काम करो। तुम्हारा चेहरा स्मार्ट है, इसलिए लोग तुम्हें देखकर ज्यादा पैसे देंगे। अगर तुमने इनकार किया, तो तुम्हारा चेहरा बिगाड़ देंगे।”
यह बयान बताता है कि कैसे ये गिरोह मासूम बच्चों को शारीरिक और मानसिक यातना देकर उन्हें अपने गिरोह का हिस्सा बना लेते हैं।
सरकार और पुलिस की लापरवाही
स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से इस मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारें इन गिरोहों पर लगाम लगाने में नाकाम रही हैं।
गिरोह को रोकने के लिए जरूरी कदम:
1. बच्चों की पहचान और पुनर्वास:
प्रशासन को ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाना चाहिए। साथ ही उनके माता-पिता की भी तलाश करनी चाहिए।
2. गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई: इन गिरोहों को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस को सख्त कदम उठाने होंगे। गुप्तचरों की सहायता से इनकी गतिविधियों पर नजर रखनी होगी।
3. जनजागरूकता अभियान: जनता को जागरूक करना भी जरूरी है, ताकि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें। गिरोह के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय इन गिरोहों के कारण हजारों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। न केवल उनका बचपन छीना जा रहा है, बल्कि वे शिक्षा और अधिकारों से भी वंचित हो रहे हैं।
गिरोह के शिकार बच्चों के आंकड़े:
1. इन गिरोहों में 10,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं, जिन्हें मजबूरी में भीख मांगने पर मजबूर किया जाता है।
2. महिलाओं का भी शोषण: 5,000 से अधिक महिलाएं इन गिरोहों का हिस्सा हैं, जिनका शोषण कर उन्हें इस काम में झोंक दिया गया है सरकार और समाज से अपील सरकार को इन गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और बच्चों व महिलाओं के पुनर्वास के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। साथ ही, समाज के हर व्यक्ति को आगे आकर इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
@रिपोर्टर: तनवीर आलम शेख