बिहार : राजधानी पटना में मकान बनाने और रियल एस्टेट के कई प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग रहा है। पटना में बालू की कीमतें चढ़कर दो गुने से ज्यादा हो गयी है। 3200 रुपये टेलर (100 सीएफटी) बिकने वाले बालू की कीमत सात हजार रुपये टेलर तक पहुंच गयी है। व्यवसायी कृष्णकांत कुमार कहते हैं कि खनन पर रोक लगने के बाद जून महीने के दूसरे सप्ताह से बालू की कीमतें चढ़ने लगीं। आने वाले समय में कीमतों में और इजाफा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बढ़ते गिट्टी और बालू की कीमतों के कारण निजी भवन निर्माताओं के साथ-साथ सरकारी प्रोजेक्ट करने वाले ठेकेदार और रेरा से निबंधित बिल्डर भी परेशान हैं। रियल इस्टेट से जुड़े और बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के महासचिव एनके ठाकुर कहते हैं कि सरकारी प्रोजेक्ट और रेरा से निबंधित प्रोजेक्ट को समय-सीमा के अंदर समाप्त करना होता है। इन प्रोजेक्ट पर भवन निर्माण की कच्ची सामग्री का रेट पहले से तय रहता है।
कीमत में बढ़ोतरी से निर्माताओं को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस वजह से प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी भी हो रही है। उन्होंने बताया कि वे बक्सर में सरकारी अस्पताल बना रहे हैं। केवल फाउंडेशन में दो सौ टन लोहा की खरीदारी 85 रुपये किलो के भाव से किया, जबकि इसके लिए सरकार से उन्हें 65 रुपये मिलेंगे। इसी तरह बालू और गिट्टी की बढ़ती कीमतों से परेशानी बढ़ गई है।