अभी बिहार में बालू खनन पर पूर्ण रूप से रोक लगी हुई है | लेकिन इसके बीच भी बालू माफिया अवैध रूप से बालू का खनन करके कालाबजारी कर रहे है | और लोगों से अधिक पैसे ले रहे है | इससे आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है | इस बीच राज्य सरकार ने सूबे के सभी प्रमुख और संवेदनशील बालू घाटों पर निगरानी के लिए हाईमास्ट कैमरे लगाने का फैसला लिया है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी जिलों से संवेदशील और प्रमुख घाटों की सूची मांगी है। लिस्ट मिलने के बाद विभाग आगे की कार्यवाही करेगा। फिर वहां कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। विभाग का मानना है कि इससे बालू के अवैध खनन और अवैध कारोबार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इससे पहले सरकार ड्रोन से बालू घाटों की निगरानी की योजना लाई थी।
बिहार में बड़ी संख्या में ऐसे कई बालू घाट हैं जहां धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। साथ ही बालू माफिया यहां से बालू का अवैध कारोबार भी कर रहे हैं। इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। साथ ही बालू की किल्लत का फायदा उठाकर माफिया मनमानी कीमत पर लोगों से इसके दाम वसूल रहे हैं। सरकार ने ऐसे घाटों की निगरानी और सख्त करने का फैसला लिया है।
इस दिशा में कदम उठाते हुए विभाग ने प्रमुख बालू घाटों पर उच्च क्षमता वाले कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इन कैमरों की मदद से रात के समय में भी आसानी से बालू घाटों की निगरानी हो सकेगी। बता दें कि इस समय सूबे में बालू का खनन पूरी तरह बंद है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत बालू घाटों की नए सिरे से बंदोबस्ती की जानी है। इसके लिए जिलों की सर्वे रिपोर्ट को आधार माना जाएगा।