बिहार के नए वोटर लिस्ट में नाम कटने की जिलेवार स्थिति, कारण और नाम फिर से जुड़वाने की प्रक्रिया

किस जिले में कितने वोटरों के नाम कटे?

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद जो 65.6 लाख वोटर सूची से हटाए गए, उनमें पटना (3,95,500), मधुबनी (3,52,545), पूर्वी चंपारण (3,16,793), गोपालगंज (3,10,363), समस्तीपुर (2,83,955), मुजफ्फरपुर (2,82,845), सारण (2,73,223), गया (2,45,663), वैशाली (2,25,953), और दरभंगा (2,03,315) सबसे ऊपर हैं। वहीं, सबसे कम नाम शेखपुरा (26,256), शिवहर (28,166), अरवल (30,180), लखीसराय (48,824), जहानाबाद (53,089), कैमूर (73,940) आदि में कटे हैं.

सीमांचल के मुस्लिम बहुल जिलों में: पूर्णिया (2,73,920), अररिया (1,58,072), किशनगंज (1,45,668), कटिहार (1,84,254) वोटर हटाए गए हैं।

नाम कटने के प्रमुख कारण

मृत मतदाता: करीब 22 लाखप्रवासी/अनुपस्थित: 36 लाख से ज़्यादा (स्थायी रूप से शिफ्ट या अनुपलब्ध)दो जगह नाम: 7 लाख अन्य: नामांकन फॉर्म न मिलने, गलतियों या दस्तावेज़ों की कमी की वजह से भी नाम काटा गया है।

जिनका नाम कटा, वे क्या करें? (नाम दोबारा जुड़वाने की प्रक्रिया)

ऑनलाइन चेक करें:

बिहार चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाएं और ई-रोल या पीडीएफ़ के ज़रिए अपना नाम खोजें।

क्लेम/ऑब्जेक्शन फाइल करें:

जिनका नाम नहीं है, वे 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक निर्वाचन आयोग के कैंप या ऑनलाइन दोनों माध्यमों से फॉर्म 6 (नया नाम जोड़ने के लिए) भर सकते हैं।बीएलओ/इलेक्शन ऑफिसर से भी सीधे शिकायत कर सकते हैं।

जरूरी दस्तावेज़:

वोटर आईडी, आधार, एड्रेस प्रूफ, आयु प्रमाण पत्र आदि।कुछ मामलों में निवास प्रमाणपत्र भी मांगा जा सकता है, खासकर उन मतदाताओं के लिए जिनका नाम 2003 की लिस्ट में नहीं था।

ऑफलाइन सुविधा:

हर जिले में 2 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक रोज सुबह 10 से शाम 5 बजे तक कैंप लगेंगे (रविवार/छुट्टी में भी)।

नाम किस आधार पर कटा है, जानने का तरीका

ड्राफ्ट लिस्ट में नाम कटने का कारण भी दर्ज है—मृतक, स्थानांतरण, दो जगह नाम, इत्यादि।अगर गलत कारण से नाम कटा है, तो प्रमाण के साथ दावे/आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।

संक्षिप्त सलाह

जल्दी-जल्दी ऑनलाइन चेक करें कि नाम है या नहीं।दावों और आपत्तियों की विंडो (1 अगस्त–1 सितंबर) के अंदर आवेदन ज़रूर करें। मोबाइल से भी CEO बिहार वेबसाइट या वोटर हेल्पलाइन ऐप से यह प्रक्रिया आसानी से पूरी कर सकते हैं।  जिनका नाम कटा है, वे दावा/आपत्ति दाखिल करके सभी आवश्यक प्रमाण पत्रों के साथ अपना नाम फिर से जुड़वा सकते हैं। संबंधित शिविर या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करें।

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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