बिहार में तेज तर्रार आईएएस अधिकारियों की वैसे तो कोई कमी नहीं है लेकिन अपनी सादगी को लेकर एक सीनियर आईएएस अधिकारी लगातार चर्चा के केंद्र में आ जाते हैं। हम बात कर रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ के बारे में।
एस सिद्धार्थ 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और बिहार के जिन गिने-चुने आईएएस अधिकारियों के ऊपर शासन प्रशासन की बड़ी जवाबदेही है, उसमें उनका नाम शुमार होता है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव होने के साथ-साथ वह वित्त विभाग के भी अपर मुख्य सचिव हैं। सरकार की वित्तीय नीतियों के निर्माण और उन उसके क्रियान्वयन के साथ-साथ एस सिद्धार्थ के ऊपर मुख्यमंत्री का कामकाज और उनके स्तर से लिए जाने वाले फैसलों को लेकर भी बड़ी जिम्मेदारी है।
सीनियर आईएएस अधिकारी एस सिद्धार्थ अपने कामकाज को लेकर हमेशा मुस्तैद रहते हैं। एस सिद्धार्थ जिस जगह पर तैनात हैं वह बेहद हाई प्रोफाइल पोजिशन है। इसके बावजूद उनकी सादगी दूसरे अधिकारियों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं। एस सिद्धार्थ का लाइफ स्टाइल बेहद सादगी भरा है और यही वजह है कि कभी वह पटना की सड़क पर साइकिल चलाते नजर आ जाते हैं तो कभी अकेले रिक्शे की सवारी करते हुए।
दरअसल बात यह हैं की बिहार के सबसे पॉवरफुल आईएएस अधिकारी रात के दस बजे सड़क किनारे सब्जी खरीदते नजर आए. खास बात यह कि इनके साथ न तो कोई सुरक्षा गार्ड था और न ही गाड़ियों का काफिला. ये एक आम नागरिक की भांति ही पटना के राजेन्द्र नगर सब्जी मंडी में जमीन पर बैठकर सब्जी खरीदते नजर आए.
एस सिद्धार्थ ने राजेंद्र नगर सब्जी मंडी में जमीन पर बैठकर सब्जी बेचने वाली एक वृद्ध महिला से सब्जी खरीदी. इस दौरान वे खुद भी जमीन पर बैठकर महिला से बातचीत करते और सब्जी का मूल्य पूछते दिखे. एस सिद्धार्थ इससे पहले शहर में रिक्शा पर घूमते हुए, चैराहों पर गोल गप्पा खाते हुए नजर आ चुके हैं; और खूब चर्चा भी हुई थी.
ईमानदार और स्वच्छ छवि के एस सिद्धार्थ की एक और खासियत है. ये आपको हमेशा सफेद शर्ट और काले पैंट में नजर आएंगे. जब बिहार की विकास की बात होगी तो किसी काम को कम समय में करने, जन कल्याण के लिए अच्छी योजना बनाने और जनता के लिए फायदेमंद कैसे हो सकता है, इसमें इनकी दिलचस्पी सबसे अधिक रहती है.