पटना: होटल में नाबालिग के साथ गैंगरेप, दो दिन से लापता थी पीड़िता – पुलिस ने नशे की हालत में किया रेस्क्यू

पटना, बिहार।

राजधानी पटना के दीघा थाना क्षेत्र से एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पोल्शन रोड नंबर 4 पर स्थित एक होटल में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार (गैंगरेप) का मामला दर्ज हुआ है। बताया जा रहा है कि पीड़िता दो दिन से लापता थी और गुरुवार की शाम पुलिस ने उसे होटल से नशे की हालत में रेस्क्यू किया।

घटना की पूरी जानकारी:

पीड़िता पटना की ही रहने वाली है। परिजनों द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी। जांच के दौरान मिले एक मोबाइल लोकेशन से पता चला कि लड़की एक निजी होटल में मौजूद थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने पीड़िता को वहां से बरामद किया, जो उस समय बेहोशी और नशे की हालत में थी।

शराब पिलाकर गैंगरेप का आरोप:

प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि लड़की को बहला-फुसलाकर होटल में लाया गया और जबरन शराब पिलाई गई। इसके बाद उसके साथ कई युवकों ने मिलकर गैंगरेप किया। इस घटना को लेकर पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया गया है और मेडिकल रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।

आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस:

पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। अब तक कुछ संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है, और उनकी तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं।

महिला सुरक्षा पर उठे सवाल:

यह मामला बिहार में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ बढ़ते अपराधों की भयावह तस्वीर पेश करता है। राजधानी जैसे संवेदनशील क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की का इस तरह से गायब होना और होटल में उसके साथ गैंगरेप होना, प्रशासन की विफलता को दर्शाता है।

सामाजिक संगठनों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग:

इस घटना के बाद कई महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार और पुलिस प्रशासन से दोषियों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही होटल मालिक और स्टाफ की भूमिका की भी जांच की जा रही है कि कैसे एक नाबालिग लड़की को बिना पहचान के होटल में रुकवाया गया।

परिजनों की हालत बदतर:

पीड़िता के परिवारवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। वे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया है और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इस घटना ने फिर एक बार यह साबित कर दिया है कि महिला और बाल सुरक्षा के दावों के बावजूद ज़मीनी हकीकत कुछ और है। अगर प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो अपराधियों का हौसला और बुलंद होता जाएगा। यह मामला केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है।

 

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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