पटना सिटी के बीचोबीच बीएन कॉलेज हॉस्टल में बमबारी: पुलिस के खौफ के बिना बाहरी छात्रों ने मचाया तांडव

पटना सिटी के बीचोबीच बीएन कॉलेज हॉस्टल में बमबारी: पुलिस के खौफ के बिना बाहरी छात्रों ने मचाया तांडव

रिपोर्टर: तनवीर आलम शेख | स्थान: पटना | दिनांक: 13 मई 2025

पटना:
राजधानी पटना के बीचोंबीच स्थित पटना यूनिवर्सिटी के बीएन कॉलेज हॉस्टल में 13 मई को हुई बमबारी की घटना ने पूरे शहर को दहला दिया है।  और पिरबहोर थाना क्षेत्र के बीच आने वाले इस इलाके में खुलेआम बम फेंकना यह दर्शाता है कि अपराधियों को अब पुलिस और प्रशासन का कोई खौफ नहीं रह गया है।

घटना का विवरण:
मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे बीएन कॉलेज हॉस्टल में बाहर से आए युवकों ने अचानक बमबारी शुरू कर दी। परिसर में चारों ओर धुआं फैल गया और छात्र इधर-उधर जान बचाने के लिए भागने लगे। कई छात्रों को मामूली चोटें आईं। हालांकि कोई जानमाल की बड़ी क्षति नहीं हुई, लेकिन इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस की नाकामी:
घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने केवल मुआयना कर खानापूर्ति की।  पिरबहोर थाना और  — दोनों ही इस क्षेत्र को कवर करते हैं, फिर भी बाहरी तत्वों का घुसपैठ और बमबारी यह साबित करता है कि गश्त और खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है।

छात्रों का आक्रोश:
घटना के तुरंत बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने बीएन कॉलेज गेट के बाहर मुख्य सड़क को जाम कर दिया, जिससे ट्रैफिक घंटों प्रभावित रहा। छात्रों की मांग है कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और हॉस्टल परिसर में स्थायी सुरक्षा बल की तैनाती की जाए।

पुरानी घटनाओं की पुनरावृत्ति:
यह पहली बार नहीं है जब पटना यूनिवर्सिटी में बमबारी या हिंसक घटना हुई हो। मार्च 2025 में दरभंगा हाउस परिसर में बम विस्फोट से एक प्रोफेसर की कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। उस समय भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:
पटना यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि वह छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएंगे और दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, परिसर में CCTV निगरानी और गार्ड की संख्या बढ़ाने की बात कही गई है।

क्या कहती है जनता?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक स्थल सुरक्षित नहीं रह गए हैं, तो आम लोग कैसे सुरक्षित महसूस करें? “क़दमकुआं और कृष्णापुरी थाना बिल्कुल नजदीक हैं, फिर भी अपराधियों को डर नहीं है,” – एक दुकानदार ने बताया।


निष्कर्ष:
पटना सिटी के सबसे प्रमुख शिक्षण संस्थान में दिनदहाड़े बमबारी होना और पुलिस का निष्क्रिय रवैया यह दिखाता है कि राजधानी अब सुरक्षित नहीं रही। प्रशासन को अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई करनी होगी ताकि छात्रों और आम जनता का भरोसा कानून व्यवस्था पर बना रहे।


Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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