पटना (एशियन टाइम्स ब्यूरो)
वार्ड 22 की नाली-गली योजना में ठेकेदार की सुस्ती अब स्थानीय लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है। जिस गली में काम चल रहा है, वहाँ महीनों से खुदाई तो हुई है लेकिन निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है। इसके कारण आने-जाने वाले लोगों को कीचड़, गड्ढों और धूल-मिट्टी की समस्या झेलनी पड़ रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि काम की इस रफ्तार से उन्हें रोज़ाना परेशानी का सामना करना पड़ता है। बच्चों और बुजुर्गों का चलना-फिरना मुश्किल हो गया है, वहीं गाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हो रही है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हर ठेकेदार को टेंडर एग्रीमेंट के अनुसार निश्चित समय सीमा में काम पूरा करना होता है। लेकिन जब लापरवाही या देरी होती है तो नगर निगम को कार्रवाई करनी चाहिए—जैसे कि ठेकेदार पर जुर्माना, पेमेंट रोकना या ब्लैकलिस्ट करना।
एशियन टाइम्स लोगों से अपील करता है कि:
. अपनी शिकायत वार्ड पार्षद और नगर निगम अभियंता को लिखित रूप में दें।
बिहार जन समाधान पोर्टल या नगर निगम हेल्पलाइन पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
यदि काम समय पर पूरा न हो, तो RTI डालकर परियोजना का खर्च और समय सीमा की जानकारी मांगें।
जनता की चुप्पी ही भ्रष्टाचार और सुस्ती को बढ़ावा देती है। अगर सभी मिलकर आवाज़ उठाएँ, तो विकास कार्य समय पर पूरे होंगे और लोगों को राहत
Author: Noida Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)








