रिपोर्ट: एशियन टाइम्स नेटवर्क | स्थान: पटना, बिहार
पटना के बीचों-बीच दिनदहाड़े हुई एक और हत्या ने राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। मारे गए व्यक्ति की पहचान वसीम खान के रूप में हुई है, जो जमीन की खरीद-बिक्री और रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हुए थे। घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है और प्रशासन की गंभीर लापरवाही पर लोग आक्रोशित हैं।
हत्या के पीछे की वजह: जमीन का विवाद
प्रारंभिक जांच के अनुसार, वसीम खान की हत्या जमीन और पैसों के लेनदेन से जुड़े विवाद के कारण की गई है। पुलिस अधीक्षक अमित रंजन ने बताया कि घटनास्थल से 9MM कारतूस का खोखा, टोपी और एक पिस्टल बरामद हुई है। फॉरेंसिक टीम ने इन सबूतों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मृतक का नाम कई जमीन सौदों से जुड़ा रहा है, और पुलिस का मानना है कि विवादित जमीन के कारण ही उनकी हत्या की गई।
प्रशासन की लापरवाही या अपराधियों का दुस्साहस?
प्रदर्शनकारी सदाम हुसैन ने बताया कि वसीम खान के परिजन डरे हुए हैं और मीडिया से बात करने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा, “शहर में चारों ओर चेकिंग होती है, इसके बावजूद अपराधी प्रशासन को चकमा देकर गोली मारकर फरार हो गए। यह लापरवाही नहीं, प्रशासन की असफलता है।”
घटनास्थल पर विरोध कर रहे एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “बिहार का मुखिया बीमार हो चुका है। अब यहां कोई सुरक्षित नहीं है।” पूरे राज्य में लगातार हो रही हत्याओं के कारण आम जनता में भय और रोष है।
SIT का गठन, एक व्यक्ति हिरासत में
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन कर दिया है। पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि हत्या की साजिश में शामिल लोगों की पहचान जल्द ही हो सकेगी।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं।”
एशियन टाइम्स की विशेष टिप्पणी
वसीम खान की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, यह बिहार में बढ़ते अपराध, प्रशासनिक लापरवाही और पुलिस व्यवस्था की पोल खोलती है। जब राजधानी में दिनदहाड़े हत्या हो सकती है, तो बाकी जिलों की स्थिति का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है।
राज्य सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को प्राथमिकता से लेकर न्याय दिलाने के साथ-साथ अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ठोस कदम उठाए।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)