कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने पटना में एनडीए सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई पर जूता फेंकने की घटना को लेकर सरकार और आरएसएस को दलित विरोधी बताया।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से सांसद पुनिया ने कहा कि सीजेआई पर जूता उछाला जाना कोई सामान्य घटना नहीं है। उन्होंने इसे आजादी के बाद देश में पहली बार सामने आई ऐसी घटना बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रही है, जबकि भाजपा के शासन में समाज में “जूता बांटने” का काम किया जा रहा है। उनकी मंशा दलितों, वंचितों और पिछड़ों की आवाजों को दबाने की है।
पुनिया ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद ये नेता मौन क्यों हैं। उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं और उत्तर प्रदेश इस मामले में पहले और बिहार दूसरे स्थान पर है। उन्होंने राहुल गांधी के वंचितों के लिए लगातार संघर्ष का भी जिक्र किया।
इस मामले पर बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अपनी भावनाएं व्यक्त की। वे इस दौरान भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। राजेश राम ने इस घटना को न केवल एक व्यक्ति पर हमला बल्कि भारत के संविधान, उसकी आत्मा और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर सीधा प्रहार बताया।
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं उस विचारधारा की मानसिकता को उजागर करती हैं, जो दलित और वंचित समाज की प्रगति को सहन नहीं कर पाती।
@AT Saumya
 
				Author: BiharlocalDesk
ASAIN TIMES NEWS NETWORK
 
								 
								

 
															




