RBI ने तीन नवंबर को मौद्रिक नीति समिति की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। नियमित बैठक 5 से 7 दिसम्बर को होनी है। माना जा रहा है कि आरबीआई की इस बैठक में खुदरा महंगाई 6 फीसदी से अधिक बने रहने पर सरकार को भेजे जाने वाले जवाब पर चर्चा हो सकती है।
आरबीआई ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक RBI) अधिनियम 1934 की धारा 45ZN के प्रावधानों के तहत एमपीसी की एक विशेष बैठक 3 नवंबर, 2022 को निर्धारित की गई है। आरबीआई की मौद्रिक समिति की बैठक पिछली बार 28 से 30 सितंबर, 2022 को हुई थी और अगली बैठक 5 से 7 दिसंबर को होने वाली है। एमपीसी ने 30 सितंबर, 2022 को नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों बीपीएस) से बढ़ाकर 5.9% कर दिया था, जिससे सभी तरह के लोन महंगे हो गए हैं। जानकारों का कहना है कि इस बैठक में महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई सख्त फैसले ले सकता है। एक बार ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी की जा सकती है।
सरकार को रिपोर्ट देनी जरूरी
आरबीआई अधिनियम की इस धारा में प्रावधान है कि मुद्रास्फीति को सरकार की तरफ से तय सीमा के भीतर रख पाने में नाकाम रहने पर केंद्रीय बैंक को इसके बारे में सरकार को रिपोर्ट देनी होती है। सरकार ने महंगाई को चार प्रतिशत दो प्रतिशत कम या अधिक) पर सीमित रखने का लक्ष्य केंद्रीय बैंक को दिया हुआ है। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद आरबीआई महंगाई को छह प्रतिशत के भीतर सीमित रख पाने में नाकाम रहा है।
जनवरी से महंगाई लक्ष्य से ऊपर
इस साल जनवरी से ही महंगाई लगातार छह प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है। इस तरह आरबीआई लगातार तीन तिमाहियों से अपने मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा है। इसके चलते वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप उसे सरकार को इसपर रिपोर्ट देनी होगी। आरबीआई ने मौद्रिक नीति के बारे में फैसला लेने वाली एमपीसी की यह विशेष बैठक इसी रिपोर्ट को तैयार करने के मकसद से बुलाई है।
रेपो रेट में अब तक 1.90 प्रतिशत की वृद्धि
एमपीसी की अनुशंसाओं के अनुरूप गत मई से अब तक नीतिगत रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की कुल वृद्धि की जा चुकी है। इस तरह अब रेपो दर 5.90 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है।