पटना, बिहार | रिपोर्टर: एशियन टाइम्स ब्यूरो
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को भाजपा और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। हाल ही में मीडिया में आई सूत्र आधारित खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि बार-बार झूठ फैलाया जाता है और हर बार खंडन करना पड़ता है। उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “हर बार कोई न कोई झूठा सूत्र आता है, हर बार खंडन करना पड़ता है, हर बार माफ़ी माँगनी पड़ती है। ये सब मूत्र के बराबर वेस्टेज (व्यर्थ) है।”
तेजस्वी ने भाजपा नेताओं और बाबा प्रवृत्ति के लोगों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “भाजपा के कई नेता और बाबा लोग तो मूत्र पीने की सलाह देते हैं। क्या वह कोई शुद्धता का काम है? मुझे लगता है कि अगर मुद्दों की बात करें तो बेहतर होगा। बिना किसी सच्चाई के अफवाह फैलाई जाती है, तो वह मूत्र ही है।”
भाजपा को असली मुद्दों से डर लगता है: तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने भाजपा पर गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा कभी इन मुद्दों पर बात नहीं करती। कौन होते हैं ये लोग सवाल उठाने वाले? जनता को गुमराह करने के अलावा इनके पास कुछ नहीं है।” उन्होंने भाजपा पर आम लोगों के मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
बिहार में बढ़ते अपराधों पर गंभीर आरोप
राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से चरमरा चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में शिक्षक, डॉक्टर, वकील तक सुरक्षित नहीं हैं। लगातार हत्या और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा, “यहाँ तक कि भाजपा नेताओं की भी हत्याएं हो रही हैं। छोटे बच्चों के साथ गैंगरेप हो रहे हैं। राज्य में कोई खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।”
तेजस्वी ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रशासन पूरी तरह विफल हो चुका है और जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे है। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर यह कैसा शासन है जिसमें अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और जनता भय के साये में जी रही है?
राजनीतिक गरमाहट और जनसुरक्षा पर बहस
तेजस्वी यादव के इस बयान से साफ है कि बिहार की राजनीति आने वाले समय में और गर्म हो सकती है। बढ़ते अपराधों और सामाजिक असुरक्षा के बीच विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)