हिंदी साहित्य के अद्वितीय कवि-कथाकार और छत्तीसगढ़ के पहले ज्ञानपीठ विजेता विनोद कुमार शुक्ल का 89 वर्ष की आयु में रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन; सांस संबंधी जटिलताओं के चलते थे अस्पताल में भर्ती।
हिंदी साहित्य जगत एक बेहद प्रतिष्ठित आवाज़ को खो गया है। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का मंगलवार शाम रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में गंभीर श्वसन समस्याओं से जूझ रहे थे और 2 दिसंबर को भर्ती हुए थे।
परिवार और अस्पताल सूत्रों के अनुसार, शुक्ल ने लगभग 4:48 बजे अंतिम सांस ली, जिससे हिंदी साहित्य के प्रेमियों और लेखकीय समुदाय में गहरा शोक व्याप्त है। उन्हें इस वर्ष 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो साहित्य के क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।
उनके योगदान की याद में साहित्यकार, पाठक और कलाकार भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, और उनके साहित्यिक जीवन तथा रचनात्मक विरासत को याद किया जा रहा है।
@MUSKAN KUMARI





