छपरा की दोहरी हत्या से दहशत: क्या बिहार में अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा?
रिपोर्टर: एशियन टाइम्स ब्यूरो | स्थान: छपरा, बिहार |
बिहार के छपरा शहर से मंगलवार शाम को एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। उमा नगर निवासी गोदरेज व्यवसायी अमरेंद्र सिंह और उनके सहयोगी शंभूनाथ सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों व्यवसायी अपना दैनिक कार्य समाप्त कर घर लौट रहे थे, तभी अपराधियों ने उन्हें निशाना बनाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
अस्पताल में दम तोड़ा
स्थानीय लोगों ने घायल अवस्था में दोनों को तुरंत सदर अस्पताल पहुँचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई और इलाके में भारी दहशत का माहौल बन गया है।
कौन थे अमरेंद्र सिंह?
अमरेंद्र सिंह कोई आम व्यवसायी नहीं थे। वे सामाजिक रूप से बेहद सक्रिय, जमीन कारोबार से जुड़े हुए और पूर्व मेयर पद के प्रत्याशी भी रह चुके थे। शहर में उनकी मजबूत पकड़ थी और वे राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में एक जाना-पहचाना नाम थे। यही कारण है कि इस हत्या को केवल लूटपाट नहीं बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश माना जा रहा है।
राजनीतिक या व्यवसायिक रंजिश?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हत्या के पीछे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या जमीन कारोबार की आपसी रंजिश हो सकती है। हालांकि अभी तक ना ही परिजनों और ना ही प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है। पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
बिहार में बढ़ते अपराध: कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में
यह कोई पहली घटना नहीं है। बिहार में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वे दिनदहाड़े हत्या कर रहे हैं और पुलिस की मौजूदगी कहीं नजर नहीं आती। आम नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहा है। सवाल उठता है कि:
- क्या अपराधियों में अब कानून का कोई डर नहीं रहा?
- क्या राजनीतिक या आर्थिक शक्ति रखने वाले लोग भी अब सुरक्षित नहीं रहे?
- क्या बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है?
प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक
घटना के कई घंटे बीत जाने के बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से कोई ठोस बयान या कार्रवाई की खबर सामने नहीं आई है। शहरवासियों में नाराजगी है और वे दोषियों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग कर रहे हैं।
अब तो कुछ कीजिए सरकार!
अमरेंद्र सिंह और शंभूनाथ सिंह की हत्या सिर्फ दो व्यक्तियों की हत्या नहीं, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा व्यवस्था पर हमला है। यह घटना दर्शाती है कि बिहार में आम नागरिक से लेकर प्रभावशाली लोग तक, कोई सुरक्षित नहीं है।
अब वक्त आ गया है कि सरकार सख्त कदम उठाए, पुलिस महकमे को जवाबदेह बनाया जाए और अपराधियों को जल्द से जल्द कानूनी शिकंजे में लाया जाए।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)