एशियन टाइम्स रिपोर्ट
पटना: बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर अपराध के सामने नतमस्तक नजर आई। गांधी मैदान थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात साढ़े 11 बजे व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या की यह सनसनीखेज वारदात गांधी मैदान थाने से महज 300 मीटर की दूरी पर हुई, लेकिन पुलिस दो घंटे तक मौके पर नहीं पहुंची, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।
परिजनों की सूचना पर भी नहीं पहुंची पुलिस
परिजनों ने घटना की सूचना पटना पुलिस को कई बार देने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। बाद में ADG मुख्यालय कुंदन कृष्णन को फोन कर मामले की जानकारी दी गई, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।
सूचना मिलते ही SSP, सिटी SP, सांसद पप्पू यादव सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया और STF को अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया।
बिजनेस टाइकून की हत्या से दहला पटना, STF को मिली अहम जानकारी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मर्डर शूटर को सुपारी देकर हत्या करवाई गई थी। शनिवार को एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। STF लगातार छापेमारी कर रही है। IG जितेंद्र राणा के अनुसार, “हत्याकांड के कई पहलू सामने आए हैं। शूटर के पास से लाइनर भी मिला है और अहम सुराग हाथ लगे हैं।”
पुलिस को शूटर और उसे भेजने वालों की जानकारी मिल चुकी है। हत्या क्यों की गई, इसका भी लगभग खुलासा हो चुका है। IG ने बताया कि जल्द ही गिरफ्तारियां होंगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी सीएम से मिलने पर मां का फूटा गुस्सा, बोलीं – ‘मेरा बेटा भी BJP में था’
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा जब पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे तो मृतक की मां का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा भी भाजपा में था, मुझे इंसाफ चाहिए।”
खेमका का अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा। उनकी बेटी के स्कॉटलैंड से लौटने का इंतजार किया जा रहा है।
अपार्टमेंट गेट के सामने मारी गई गोली
गोपल खेमका की हत्या उनके अपार्टमेंट के ठीक सामने की गई। यह इलाका गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास स्थित है। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।
एशियन टाइम्स
गांधी मैदान थाना जैसे वीआईपी क्षेत्र में यदि एक प्रभावशाली व्यापारी की हत्या हो सकती है और पुलिस 2 घंटे बाद हरकत में आती है, तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं? यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है बल्कि राजधानी में कानून व्यवस्था की जमीनी सच्चाई भी सामने लाती है।
सरकार और प्रशासन को अब यह समझना होगा कि केवल बैठकों और बयानों से अपराध नहीं रुकेंगे। दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई ही जनता का विश्वास बहाल कर सकती है।
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Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)