पटना के गर्दनीबाग स्थित अस्पताल में मातृ सेवाओं की स्थिति काफी खराब है। यहां नौ डॉक्टर तैनात होने के बावजूद पिछले पाँच महीनों में सिर्फ 185 सामान्य प्रसव और 7 सिजेरियन ऑपरेशन हुए। शुरुआती जांच के लिए लगभग 1200 गर्भवती महिलाएं पहुंचीं, लेकिन जर्जर भवन, अल्ट्रासाउंड की सुविधा न होने और अस्वच्छ माहौल की वजह से अधिकांश महिलाएं प्रसव के लिए दूसरी जगह चली गईं।
अस्पताल का लेबर रूम और वार्ड भी ठीक हालत में नहीं हैं। अल्ट्रासाउंड उपलब्ध न होने से महिलाओं को मजबूरन बाहर निजी केंद्रों में जांच करानी पड़ती है। स्टाफ की कमी सबसे बड़ी समस्या है—जहां 24 घंटे सेवा के लिए 8–10 एएनएम और जीएनएम की जरूरत है, वहां सिर्फ एक एएनएम और एक जीएनएम काम कर रहे हैं।
इस कारण पहली ANC विजिट में आने वाली 200 से ज्यादा महिलाओं की संख्या तीसरी–चौथी विजिट तक घटकर केवल 30–40 रह जाती है।
जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में कम प्रसव आंकड़ों पर नाराजगी जताई। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सुविधाओं की कमी और जर्जर भवन के बारे में विभाग को कई बार जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं मिला। अस्पताल के लिए तैयार की गई नई बिल्डिंग भी पूरी तरह खाली नहीं कराई गई, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
@Tanya Singh
Author: BiharlocalDesk
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