केंद्र सरकार ने 16 आईपीएस अधिकारियों को किया इंपैनल, यूपी के तीन अधिकारी भी शामिल
रिपोर्टर: तनवीर आलम शेख
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में 16 आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों को इंपैनल कर दिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के तीन वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। इस इंपैनलमेंट के बाद इन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (डिपुटेशन) पर नियुक्ति के अवसर मिलेंगे। इनमें सुजीत पांडेय और अशोक मुथा जैन जैसे नाम प्रमुख हैं, जिन्होंने अपने-अपने राज्यों में कानून व्यवस्था को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए जानते हैं कि ये अधिकारी अब तक कहां-कहां तैनात रहे हैं और उनके करियर का सफर कैसा रहा है।
सुजीत पांडेय: लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर
सुजीत पांडेय उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया था, जब राज्य सरकार ने लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की थी। लखनऊ में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें अपराध नियंत्रण के लिए तकनीक-आधारित निगरानी प्रणाली लागू करना और पुलिस बल को आधुनिक उपकरणों से लैस करना शामिल था।
अब तक की पोस्टिंग:
1. एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक), आगरा – इस पद पर रहते हुए उन्होंने अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की और संगठित अपराध को रोकने के लिए ऑपरेशन चलाए।
2. एसएसपी, वाराणसी – यहां उन्होंने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत किया।
3. आईजी (इंस्पेक्टर जनरल), वाराणसी जोन – इस दौरान उन्होंने वाराणसी में पुलिस प्रशासन को और प्रभावी बनाने के लिए कई रणनीतिक बदलाव किए।
4. पुलिस कमिश्नर, लखनऊ – लखनऊ का पहला कमिश्नरेट बनने के बाद उन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और अपराध नियंत्रण के लिए नई योजनाएं लागू कीं।
5. एडीजी (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक), यूपी एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) – आतंकवाद निरोधक अभियानों में उनका योगदान सराहनीय रहा।
अब, केंद्र सरकार के इंपैनलमेंट के बाद उनके लिए केंद्रीय एजेंसियों में तैनाती का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
अशोक मुथा जैन: प्रशासनिक दक्षता के लिए प्रसिद्ध अधिकारी
अशोक मुथा जैन 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और अपने प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते हैं। वे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है।
अब तक की पोस्टिंग:
1. एसपी (पुलिस अधीक्षक), कई जिलों में – अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने कई जिलों में बतौर एसपी कार्य किया और अपराध नियंत्रण में सफलता हासिल की।
2. डीआईजी (डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल), सीबीआई – केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की।
3. आईजी (इंस्पेक्टर जनरल), रेलवे पुलिस – रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने और अपराधों पर नियंत्रण के लिए उन्होंने कई योजनाएं बनाईं।
4. एडीजी, गृह मंत्रालय – गृह मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में योगदान दिया।
केंद्र में इंपैनल होने के बाद अब वे केंद्रीय एजेंसियों में उच्च पदों पर तैनाती के लिए पात्र हो गए हैं।
अन्य 14 अधिकारी और उनकी पृष्ठभूमि
हालांकि, इस सूची में अन्य 14 अधिकारियों के नाम और उनके पदस्थापन की पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन इनमें विभिन्न राज्यों से आए वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो अब केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में सेवाएं देने के योग्य हो गए हैं।
इंपैनलमेंट का क्या मतलब है?
आईपीएस अधिकारियों का इंपैनलमेंट केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, जिससे वे केंद्र में सचिवालय, मंत्रालयों, एजेंसियों और अर्धसैनिक बलों में उच्च पदों पर नियुक्त किए जा सकें। यह इंपैनलमेंट अधिकारियों की वरिष्ठता, अनुभव और उनके पिछले कार्यकाल में किए गए योगदान के आधार पर किया जाता है।
अब आगे क्या?
अब जब इन 16 अधिकारियों को इंपैनल कर दिया गया है, तो उन्हें विभिन्न केंद्रीय पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। इनमें सीबीआई, एनआईए, आईबी, रॉ, और केंद्रीय गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हो सकते हैं। इन अधिकारियों की तैनाती से केंद्र सरकार को प्रशासनिक कार्यों में अनुभव और दक्षता मिलेगी।
इस इंपैनलमेंट के साथ, उत्तर प्रदेश के तीन अधिकारियों सहित कुल 16 आईपीएस अधिकारियों को केंद्र में सेवा देने का अवसर मिला है। इनमें सुजीत पांडेय और अशोक मुथा जैन जैसे अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने राज्य स्तर पर कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन अधिकारियों को किन केंद्रीय विभागों में तैनाती मिलती है और वे अपनी नई जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं।
(रिपोर्टर: तनवीर आलम शेख, एशियन टाइम्स)