कुमारगंज (बिहार) :
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा थाना में दर्ज एफआईआर को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने आज सफाई देते हुए कहा कि विपक्ष विशेषकर राजद ने “आधा वीडियो” सोशल मीडिया पर चलाकर भ्रामक नैरेटिव तैयार किया है। उन्होंने कहा — “पूरा वीडियो देखा जाए तो साफ पता चलेगा कि मेरा बयान गरीबों और वंचितों के हित में था। गरीबों को डराकर वोट नहीं लिया जा सकता, यही बात कही थी। किसी को भड़काने का इरादा नहीं था।”
ललन ने चुनाव आयोग पर भरोसा जताते हुए कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब एक प्रचार सभा का वीडियो वायरल हुआ और राजद ने इस वीडियो को जदयू पर पलटवार के रूप में प्रचारित किया। राजद ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष पूरे चुनाव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। वहीं जदयू ने इसे विपक्ष की “पॉलिटिकल गेम-चेंजर स्ट्रैटेजी” बताया है।
चुनाव के अगले चरण में मतदान कल होना है और ठीक उससे 24 घंटे पहले यह विवाद सियासी माहौल को और तनावपूर्ण बना रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस विवाद का असर स्थानीय वोटरों की धारणा पर जरूर पड़ेगा, क्योंकि वीडियो क्लिपिंग और सोशल मीडिया नैरेटिव इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।
चुनाव आयोग ने भी मीडिया और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे केवल सत्यापित तथ्य और संदर्भित सामग्री के आधार पर ही प्रचार करें, ताकि मतदाताओं को भ्रमित न किया जाए।
@MUSKAN KUMARI






