एशियन टाइम्स विशेष रिपोर्ट
दिनांक: 18 जुलाई 2025
रिपोर्टर: तनवीर आलम शेख
वाशिंगटन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड, टैरिफ और इमिग्रेशन नीतियों को लेकर देशभर में जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। हाल के दिनों में ट्रंप प्रशासन की नीतियों के विरोध में अमेरिका के लगभग सभी प्रमुख शहरों की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए। ‘गुड ट्रबल लाइव्स ऑन’ नामक इस विरोध आंदोलन ने अमेरिका के 50 राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
प्रदर्शन का केंद्र: न्यूयॉर्क से लेकर अटलांटा तक
न्यूयॉर्क के मैनहैटन स्थित फेडरल प्लाजा के बाहर हजारों प्रदर्शनकारियों ने आईसीई (ICE) भवन को घेर लिया और धरने पर बैठ गए। इस दौरान रास्ता भी अवरुद्ध कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर, बैनर और नारे थे, जिनमें ट्रंप की नीतियों को अलोकतांत्रिक और अमानवीय बताया गया। न्यूयॉर्क के अलावा अटलांटा (जॉर्जिया), सेंट लुईस (मिसौरी), ओकलैंड (कैलिफ़ोर्निया) और एनापोलिस (मैरीलैंड) सहित करीब 1600 शहरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन हुए।
प्रदर्शन का उद्देश्य: इमिग्रेशन, स्वास्थ्य सेवा और मानवाधिकारों की रक्षा
प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन नीतियों, स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती और मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। उनका कहना है कि इन नीतियों ने अमेरिका को विभाजित कर दिया है और इससे अल्पसंख्यक समुदायों को भारी नुकसान हुआ है।
‘गुड ट्रबल’ आंदोलन और जॉन लुईस की विरासत
इस आंदोलन को दिवंगत कांग्रेसी सदस्य जॉन लुईस को समर्पित किया गया। जॉन लुईस नागरिक अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे और अमेरिका में समानता की आवाज़ बने। उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले कहा था कि “2020 मेरा आखिरी साल हो सकता है, लेकिन मैं चाहता हूं कि अमेरिका की आत्मा को बचाया जाए।”
प्रदर्शन में युवाओं और महिलाओं की भारी भागीदारी
दिलचस्प बात यह रही कि इस बार के विरोध में युवाओं, महिलाओं और विभिन्न नस्लीय समुदायों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। सड़कों पर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’, ‘नो जस्टिस नो पीस’ और ‘एबोलिश आईसीई’ जैसे नारे गूंजते रहे।
राजनीतिक संदेश और आने वाले चुनावों पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विरोध ट्रंप की वापसी की संभावनाओं पर गहरा असर डाल सकता है। ट्रंप जहां अपनी पुरानी नीतियों को ही दोहराने की बात कर रहे हैं, वहीं विरोधी खेमा उन्हें अमेरिका के लिए ‘विनाशकारी विकल्प’ बता रहा है।
यह विरोध केवल ट्रंप के खिलाफ नहीं, बल्कि अमेरिका के भविष्य को लेकर एक गहरी चिंता का प्रतीक बन चुका है। देश के सभी 50 राज्यों में एक साथ उठी विरोध की यह आवाज़ आने वाले समय में अमेरिका की राजनीति की दिशा तय कर सकती है।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)