अटल पथ पर महिला कांस्टेबल को रौंदती Scorpio: मौत के बाद पूरे बिहार में आक्रोश, शहीद कोमल बनीं बहादुरी की मिसाल

 रिपोर्टर: एशियन टाइम्स ब्यूरो, पटना

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पटना: राजधानी पटना के अटल पथ पर गुरुवार देर रात वाहन चेकिंग के दौरान तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए महिला कांस्टेबल कोमल कुमारी को रौंद दिया। घटना इतनी दर्दनाक थी कि मौके पर ही कोमल की मौत हो गई, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हृदयविदारक हादसे के बाद पूरे बिहार में पुलिस महकमे और आम जनता में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है।

 घटनास्थल पर क्या हुआ?

घटना अटल पथ पर रात करीब 2:30 बजे हुई। पुलिस टीम वाहन चेकिंग अभियान चला रही थी तभी सफेद रंग की तेज रफ्तार स्कॉर्पियो (BR01HT8437) चेकिंग पॉइंट को तोड़ते हुए कोमल को कुचलती निकल गई। वहीं पर मौजूद सब-इंस्पेक्टर और एएसआई भी चोटिल हो गए। स्थानीय थाने से अतिरिक्त बल बुलाया गया और घायलों को तुरंत पीएमसीएच पहुंचाया गया, जहां कोमल को मृत घोषित कर दिया गया।

गाड़ी पर BJP स्टिकर, ड्राइवर फरार

घटना के बाद पुलिस ने स्कॉर्पियो को कब्जे में ले लिया है। गाड़ी पर भाजपा का स्टीकर लगा हुआ था, जिससे राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। वाहन का ड्राइवर मौके से फरार हो गया, लेकिन गाड़ी में सवार दो अन्य युवकों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने हत्या (धारा 302), जानलेवा हमला (धारा 307), और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

कौन थीं कोमल कुमारी?

कोमल कुमारी नालंदा जिले के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के धनहर गांव की रहने वाली थीं। 25 वर्षीय कोमल ने चार साल पहले बिहार पुलिस में भर्ती होकर परिवार की पहली सरकारी नौकरी पाई थी। पांच बहनों में चौथे नंबर पर थीं और घर की एकमात्र कमाने वाली बेटी थीं। उनके भाई नहीं थे। मां रंजू देवी कहती हैं, “मेरी बेटी मरी नहीं, शहीद हुई है। उसने कभी दुनिया के सामने सिर नहीं झुकाया। वो बेटी नहीं, बेटा थी। मुझे उस पर गर्व है।”

 परिवार का विलाप और आक्रोश

कोमल के पिता ने दुख जताते हुए कहा, “मैं इतना अभागा हूं कि अपनी बेटी का अंतिम चेहरा भी नहीं देख पाया।” कोमल की मां रंजू देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि कोमल का जन्म छठ के दिन नानी के घर हुआ था और सभी ने माना कि लक्ष्मी आई हैं। आज वही लक्ष्मी उन्हें छोड़कर चली गई।

क्या मिलेगा परिवार को?

बिहार सरकार के नियमों के अनुसार, शहीद पुलिसकर्मी को निम्नलिखित सहायता दी जाती है:

  • ₹50 लाख की अनुग्रह राशि
  • शहीद सम्मान राशि ₹11 लाख
  • परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी
  • बच्चों की शिक्षा और परिवार को पेंशन
  • शहीद स्मारक पर नाम दर्ज

हालांकि, परिवार और समाज की मांग है कि इस मामले में विशेष कैबिनेट मीटिंग बुलाकर “कोमल को राज्य शहीद का दर्जा दिया जाए” और दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में कड़ी सजा दिलाई जाए।

सोशल मीडिया पर गूंजा #JusticeForKomal

घटना के बाद #JusticeForKomal ट्रेंड कर रहा है। महिला संगठनों और युवाओं ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग की है। राजधानी के कई हिस्सों में श्रद्धांजलि मार्च निकाला गया। पुलिस यूनियन ने भी सख्त कानूनी कार्रवाई और जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

एशियन टाइम्स का विशेष

बिहार सरकार और प्रशासन से मांग है कि पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। शहीद कोमल कुमारी के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।

 

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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