नई दिल्ली, 19 जुलाई : अग्निपथ स्कीम को लेकर सरकार आलोचकों के निशाने पर है।
ताजा मामला जाति की डिटेल पूछने का है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सेना में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं की डिटेल आजादी के पहले से मांगी जा रही है। सरकार ने अग्निपथ स्कीम के तहत बदलाव नहीं किए हैं। भाजपा प्रवक्ताओं की दलील है कि अभ्यर्थियों की डिटेल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मांगी जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विपक्ष के आरोपों पर कि सैन्य भर्ती के लिए केवल अभी और अग्निपथ योजना के तहत जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं, ये सिर्फ एक अफवाह है। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था के तहत ये विवरण मांगे जाते हैं। इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है।
सेना के अधिकारी विपक्ष के आरोपों पर कहा कि उम्मीदवारों को पहले भी जाति प्रमाण पत्र जमा करने की जरूरत पड़ती थी। यदि जरूरी हो, तो धर्म प्रमाण पत्र भी मांगे जाते थे। इस संबंध में अग्निवीर योजना के तहत कोई बदलाव नहीं किया गया है। सैन्य अधिकारी के मुताबिक आर्मी में प्रशिक्षण के दौरान शहीद होने वाले रंगरूटों और सेवा के दौरान शहादत की स्थिति में सैनिकों के लिए धार्मिक अनुष्ठान की जरूरत पड़ती है। उनके धर्म के अनुसार ही अंतिम संस्कार कराए जाते हैं।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 2013 में सेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया गया था। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि सेना में भर्ती धर्म, जाति, क्षेत्र के आधार पर नहीं की जाती। प्रशासनिक सुविधा के लिए यह जानकारी ली जाती है। मालवीय ने दावा किया कि आर्मी रेजिमेंट की व्यवस्था ब्रिटिश काल से चली आ रही है। आजादी के बाद इसे स्पेशल आर्मी ऑर्डर के तहत 1949 में फॉर्मल कर दिया गया। मोदी सरकार ने कुछ भी बदलाव नहीं किया है।
इससे पहले आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने भर्ती प्रक्रिया में जाति की डिटेल पर तीखा सवाल किया। उन्होंने पूछा कि सेना में जाति की बात क्यों की जा रही है ? सरकार युवाओं को अग्निवीर बनाना चाहती है या जातिवीर ?
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने विपक्ष के आरोपों पर कहा, विपक्ष को मोदी विरोध की आदत पड़ गई है। उन्होंने कहा कि मोदी विरोध के मॉडल पर कब तक चलेंगे। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा- कई नेताओं के ट्वीट से पता चलता है कि वो भी हैं। आप का मॉड्यूल ही शोर करना है।