धनबाद जिले के डॉक्टरों ने रोड एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया है।इलाज के दौरान डॉक्टरों ने मरीज की खोपड़ी निकालकर 3 महीने तक फ्रिज में रख दिया था। 3 महीने बाद उन्होंने फिर से फ्रिज से खोपड़ी निकालकर मरीज के सिर में लगा दिया। यह सफल ऑपरेशन कर मरीज के जीवन को एक बार फिर से नया आयाम दे दिया।
क्या है पूरी घटना
जिले की निरसा प्रखंड में सड़क हादसे के बाद युवक का सिर गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। सिर में चोट की वजह से वह अपनी याददाश्त खो चुका था। लेकिन धनबाद के डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दान दिया। इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी बात यह है कि जिस मरीज का ऑपरेशन किया गया उसकी खोपड़ी 3 महीने तक डॉक्टर ने फ्रिज में रख दी। युवक की दो बार सर्जरी की गई। पहली सर्जरी में युवक की खोपड़ी निकालकर 3 महीने तक फ्रिज में रखी गई, दूसरी सर्जरी के बाद खोपड़ी फिर से लगाई गई।
निरसा के कुसेड़ा के रहने वाले गौरांग सूत्रधार 28 अप्रैल को सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। जिसमें गौरांग सूत्रधर का सिर बुरी तरह जख्मी हो गया था। इस हादसे में उसने अपनी याददाश्त भी खो दी। जिले के सरायढेला इलाके के निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टर ने उसके सिर का ऑपरेशन की बात कही। न्यूरो सर्जन डॉक्टर लिंगराज त्रिपाठी की तीन सदस्यीय टीम के साथ गौरांग का सफल ऑपरेशन हुआ।
न्यूरो सर्जन डॉक्टर लिंग धर्म त्रिपाठी ने बताया कि मरीज काफी गंभीर अवस्था में था। बिना ऑपरेशन के मरीज की जान बचाना मुश्किल था। सबसे पहले मरीज की खोपड़ी को खोल कर उसकी सर्जरी कर दी गई। दुर्घटना के कारण सिर में आई चोट की वजह से ब्लड क्लॉट हो गया था। खोपड़ी खोलने के बाद यह ब्लड क्लोट धीरे-धीरे ठीक होने लगा। इस दौरान 3 महीने तक मरीज की खोपड़ी फ्रीज में रखी गई। ब्लड क्लॉट बाहर निकालने के बाद फिर से खोपड़ी को सर्जरी कर लगा दिया गया। जिसके बाद मरीज पूरी तरह से ठीक है। इसकी याददाश्त भी अब पहले से अच्छी हो गई है।