आज दिनांक 23 जुलाई, 2022 को जी०जी०पी०एस० स्कूल चास बोकारो में तम्बाकू के दुष्प्रभाव विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता स्कूल के प्रधानाचार्य उमा शंकर सिंह ने की। *जिला परामर्शी मो० असलम* द्वारा सभी बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम, तम्बाकू में पाये जाने वाले जहरीले तत्व, तम्बाकू प्रयोग से स्वास्थ्य पर दीर्घ अवधी परिणाम, Second hand Smoke व उससे होने वाले नुकसान, तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र व तम्बाकू छोड़ने के उपाय, परामर्शी सेवा लेने की सुविधा, टाल फ्री नम्बर 1800-11-2356 एवं तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के मुख्य बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई।
*■ सप्ताह में किसी एक दिन सभी बच्चों की जांच की जाय-*
जिला परामर्शी मो० असलम के अनुसार झारखण्ड के अन्दर 38.9 प्रतिशत लोग तम्बाकू का उपयोग किसी न किसी रूप में करते है जिसमें 59.7 प्रतिशत पुरूष, 17 प्रतिशत महिलायें एवं Global Youth Tobacco Survey-2019, GYTS-4 के अनुसार 5.1 प्रतिशत बच्चे ऐसे है, जो सिर्फ 13-15 आयु में तम्बाकू का उपयोग करना शुरू कर देते है। उन्होंने बताया कि सभी कक्षाचार्य से अनुरोध किया कि सप्ताह में किसी एक दिन सभी बच्चों की जांच की जाय ताकि कही कोई बच्चा तम्बाकू का उपयोग तो नही कर रहा है। यदि कोई बच्चा तम्बाकू उपयोग करते हुये पकड़ा जाता है तो पहले उसको परामर्शी सेवा स्कूल स्तर पर देनी चाहिए और यदि जरूरत पडे तो तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र सदर अस्पताल की भी सहायता लिया जा सकता है जहां पर परामर्शी सेवा के साथ साथ सभी प्रकार की जांच भी मुफ्त में की जाती है।
*■ तम्बाकू मुक्त समाज बनाने के लिये हमें आगे आना चाहिए-*
डा० एन०पी० सिंह नोडल पदाधिकारी एन०टी०सी०पी० के द्वारा बताया गया कि तम्बाकू में पाया जाने वाला निकोटीन जब हमारे दिमाग के अन्दर जाता है तो वहा से डोपामिन केमिकल निकलता है, जिसका काम ही है अच्छा महसूस कराना। ऐसे में जब छोटे बच्चे कम आयू से ही तम्बाकू का उपयोग करना शुरू कर देते है तो उनका तम्बाकू छुडवाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में हम सभी शिक्षण संस्थान के शिक्षको से अनुरोध करना चाहते है कि तम्बाकू मुक्त समाज बनाने के लिये हमें आगे आना होगा और लगातार बच्चो को तम्बाकू के दुष्परिणाम से अवगत कराते रहना होगा।
कार्यक्रम में जी०जी०पी०एस० चास के प्रधानाचार्य उमाशंकर सिंह, जिला परामर्शी मो० असलम तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, सोशल वर्कर छोटेलाल दास, विद्यालय के शिक्षक, स्टाफ व बच्चे उपस्थित थे।*