चाणक्य नीति भले ही आज से सदियों पूर्व बनी हो, लेकिन वो नीतियां आज भी मानव जीवन के लिए बेहद काम की हैं। चाणक्य ने हर इंसान को चार चीजों से दूर रहने की सलाह दी है। ये चार चीजें ऐसी हैं जो यदि किसी इंसान में हो तो किसी का जीवन कभी सुखमय नहीं हो सकता।
अहंकारी सोच
इंसान को हमेशा विनम्र होकर रहना चाहिए। जितना विनम्र होंगे उतना ही बड़ा बनेगें। अहंकार नर्क समान ही होती हैं, जिस घर में इसका वास होता है वहां कभी सुख और समृद्धि का वास नहीं होने पाता। ऐसे घरों में रिश्ते भी जरूरत पर टिके होते हैं।.इसलिए कोई अपना नहीं होता,अहंकारी सोच इंसान को अपराध की ओर ले जाता है। इसलिए अहंकार से दूर रहना चाहिए।
हर बात पर क्रोधित होना
जिस व्यक्ति के अंदर बहुत गुस्सा हो वह जीवन में कभी सुखी नहीं रह सकता। ऐसे इंसान किसी को खुश भी नहीं रख पाते। ऐसा लोग हमेशा चिड़चिड़े, दुखी और परेशान रहते हैं। उसका गुस्सा न केवल उसे अपनो से दूर कर देता है बल्कि उसके गुस्से से वो अपना सब कुहक खो भी सकते हैं। व्यक्ति क्रोध से बनी बनाई बात को बिगाड़ देता है।
कड़वा बोलना
जिस इंसान की जबान मीठी न हो वह किसी का प्रिय नहीं हो सकता। कड़वी जुबान में अच्छी बात भी लोगों को बुरी लगती है और ऐसे लोगों को लोग हमेशा अपने से अलग रखते हैं। कड़वी जुबान इंसान के संस्कार को बताती है, इसलिए किसी से बात करते हुए अपनी वाणी को मधुर रखना चाहिए।
दूसरों का बुरा सोचना
जो इंसान दूसरों के बारे में सिर्फ बुरा सोचता है उसके साथ कभी अच्छा नहीं होता है, जिस इंसान के अंदर रिश्तों का महत्व न हो वह नर्क का भागी बन जाता है। अपने दोस्तों, सगे-संबंधियों से बैर रखना और उनसे दूरी बनाना एक दिन इंसान को भारी पड़ता है। बुरे वक्त में उसके साथ अपने भी नहीं खड़े होते। रिश्ते जीवन को सुंदर बनाते हैं और इंसान को रिश्तों के बीच जीना खुशमिजाज बनाता है। अपनों का नुकसान करना या उनका बुरा सोचना इंसान को अकेलेपन की ओर ले जाता है।