धार्मिक ग्रंथों के अनुसार व्यक्ति को उसके कर्मों का फल स्वर्ग और नर्क के हिसाब से मिलता है। गरुड़ पुराण में मनुष्य के कर्म का लेखा-जोखा बताया गया है जिससे मनुष्य के पाप और पुण्य निर्धारित होते हैं। मान्यता है कि व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बाद कर्मों के आधार पर स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है। गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि कर्मों के आधार पर अगले जन्म में व्यक्ति किसी रूप में जन्म लेता है। आइए बताते हैं आपको गुरुण पुराण क्या कहता है
जो लोग महिलाओं का शोषण करते या कराते हैं वो अगले जन्म में भयानक रोगों से पीड़ित होते है। वहीं अप्राकृतिक रूप से संबंध बनाने वाला अगले जन्म में नपुंसक, गुरु पत्नी के साथ दुराचार करने वाला कुष्ठ रोगी होता है।
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो मनुष्य छल, कपट और धोखा देते हैं वो अगले जीवन में उल्लू बनते हैं। वहीं झूठी गवाही देने वाला दूसरे जन्म में अंधा पैदा होता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति हिंसा करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं, जैसे लूटपाट, जानवरों को सताना या शिकार खेलने वाले अगले जन्म में किसी कसाई हत्थे चढ़ने वाला बकरा बनते हैं।
माता-पिता या भाई-बहन को प्रताड़ित करने वाले मनुष्य को अगला जन्म तो मिलता है लेकिन वह धरती पर नहीं आ पाते क्योंकि उनकी मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है।
गुरु का अपमान यानी भगवान का अपमान। ऐसा करना नरक के द्वार खोलने जैसा है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि गुरु से कुतर्क करनेवाला शिष्य अगले जन्म में जल रहित वन में ब्रह्मराक्षस बनता है।
यदि कोई पुरुष महिलाओं वाला आचरण करता है स्वभाव में महिलाओं वाली आदतें ले आता है तो ऐसे पुरुषों को अगले जन्म में स्त्री का रुप मिलता है।
अगर कोई मृत्यु के समय भगवान का नाम लेता है तो वो मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर हो जाता है। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि मरते समय राम का नाम लेना चाहिए।
स्त्री की हत्या, गर्भपात करने या कराने वाला भिल्ल रोगी, गाय की हत्या करने वाला मूर्ख और कुबड़ा, ये दोनों नरक की यातनाएं भोगने के बाद अगले जन्म चांडाल योनी में ही पैदा होते हैं।