पुणे:भीमा कोरेगांव (Bhima-Koregaon Violence) मामले में आरोपी पी. वरवर राव को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। वरवर राव को यह जमानत चार साल बाद बुधवार को मिली है। राव को यह जमानत चिकित्सकीय आधार पर मिली है। इससे पहले वरवरा राव की जमानत याचिका को बंबई हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद राव (Varavara Rao) ने चिकित्सकीय आधार पर स्थायी जमानत संबंधित अपील को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कवि एवं कार्यकर्ता वरवरा राव (82) को जमानत देते हुए कहा कि वह किसी भी तरह से इसका दुरुपयोग ना करें।
भड़काऊ भाषण से जुड़ा है मामला
गौरतलब है कि यह मामला 31 दिसंबर, 2017 में पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। पुणे पुलिस का दावा है कि इस भाषण की वजह से अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा फैली। साथ ही यह भी दावा किया गया था कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों के माओवादियों से संबंध हैं। जिसके बाद इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी। घर से हुई थी राव की गिरफ्तारी
वरवरा राव को 28 अगस्त, 2018 को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। पुणे पुलिस ने आठ जनवरी, 2018 को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत एफआईआर दर्ज की थी।