सौचालय के टंकी से निकले १४ छोटे नाग ,नागिन की हुई मौत

कई दिनो से एक टंकी में गिर गयी थी एक नाग सांप।खाना न मिलने की बजह से भुखमरी से जूझ रही सांप की हुई मौत।पास में अंडे से निकले हुए छोटेछोटे सांप भी थे ।मगर भूख से रहने की बाद भी साँप ने नहीं खाया उनको।जान दे कर मां सांप ने १४बचों को सुरक्षित रखा।जिसे पता चलता है कि माँ की ममता कितना बिसाल है।

कटक जिला के बांकी दमपडा मंडल से आया है ऐसी तस्बीर।प्राप्त सूचना की अनुसार डुलनापुर गांव के लक्ष्मीधर परिडा ने एक नया सौचालय के टंकी एक महीने पहले बनबाई थी ।उसे चालू करने से पहले टंकी को एक बार साफ करने की सोच लेकर उस टंकी के द्वार को जब ओपन किया तो देखे की एक ६फीट का नाग सांप टंकी के निचे पडाहुआ है ।उन्होंने उसे सुरक्षित निकालने के लिए लोकल स्नेक हेल्प लाइन का सहायता ली ।स्नेक हेल्प लाइन का सदस्य ललित पंडा ओर दुर्गामाधब महापात्र ने सांप गिरा हुआ स्थान पर पहुंचे ।और उसे निकाल ने के लिए एक सीडी के मदत से ८फिट गहरा के बने टंकी में घुसे ।उनसे पता चला कि सांप की कई दिनों से टंकी में फसे रहने की कारण भुकमरी के बजह से मौत हो गयी है ।जहाँकी सांप एक नागिन निकली।नागिन को बाहर करते समय १४ अंडे पर नजर पड़ी ।स्नेक हेलप लाइन के सदस्य एक बालटी के मदत से एकेके करके १४बच्चे नाग सांप को बाहर निकाले ।ओर उनको एक प्राकृतिक आश्रय स्थली में छोड़ दिया गया।सदस्य ने बताया कि बच्चे सांप भी खाना न मिलने की बजह से कुपोषण का शिकार हुए हे।ओडिशा राज्य के स्नेक हेल्प लाइन का मुख्य सुभेन्दु मल्लिक का यह कहना है कि नागिन ने भुखमरी से जूझ ने की बाद भी बच्चों को बचाने के लिए उन्हें नहीं खाया ।जिसे यह पाता चलता हे कि माँ की ममता कितनी गहरा है ।जहाँ की कई जगह से बड़े सांप भूख से बचने के लिए छोटेछोटे सांप को खाजाते है।

AT Desk
Author: AT Desk

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